Big News : केंद्र के फैसले से दबाव में आई उत्तराखंड सरकार, PM मोदी ने तीर्थपुरोहितों में जगा दी उम्मीद...जानिए मामला - Khabar Uttarakhand - Latest Uttarakhand News In Hindi, उत्तराखंड समाचार

केंद्र के फैसले से दबाव में आई उत्तराखंड सरकार, PM मोदी ने तीर्थपुरोहितों में जगा दी उम्मीद…जानिए मामला

Reporter Khabar Uttarakhand
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chardham devsthanam board

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देहरादून : केंद्र सरकार द्वारा कृषि कानून वापस लेने के बाद जहां खुशी का माहौल है तो वहीं इस फैसले से उत्तराखंड सरकार दबाव में आ गई है। जी हां बता दें कि कृषि कानून बिल वापस लेने के बाद उत्तराखंड सरकार पर अब देवस्थानम बोर्ड को भंग करने की मांग उठने लगी है। पीएम मोदी के ऐलान के बाद तीर्थपुरोहितों को उम्मीद है कि सरकार बोर्ड पर कुछ फैसला ले सकती है।

आपको जानकारी है कि देवास्थानम बोर्ड को भंग करने की मांग को लेकर तीर्थ पुरोहित और पंडा समाज लंबे समय से आंदोलनरत हैं। सीएम के आश्वासन के बाद से तीर्थ पुरोहित फिलहाल शांत हैं और बोर्ड भंग ना करने पर तीर्थपुरोहितों को प्रत्याशी के तौर पर अन्य पार्टियों के साथ मिलकर चुनाव के मैदान में प्रत्याशी उतारने का मन बनाए हैं। लेकिन पीएम मोदी द्वारा कृषि कानून बिल वापस लेने के बाद अब तीर्थ पुरोहितों की उम्मीदों को पंख लग गए हैं वो एक बार फिर से सरकार परदबाव बनाए हैं कि बोर्ड को भंग किया जाए।

बता दें कि देवस्थानम बोर्ड के चक्कर में सरकार तीर्थपुरोहितों के निशाने पर है और आए दिन सरकार को इनका विरोध झेलना पड़ रहा है। बीते दिनों केदारनाथ में सीएम, मंत्री विधायकों को तीर्थपुरोहितों का विरोध झेलना पड़ा था लेकिन सीएम के आश्वासन के बाद को माने लेकिन अब पीएम मोदी के फैसले से उनकी मांग को पंख लग घए हैं। वो एक बाऱ फिर से सरकार पर बोर्ड को भंग करने का दबाव बनाने लगे हैं

आपको बता दें कि गैरसैंण में दो दिवसीय विधानसभा का शीतकालीन सत्र है. इस सत्र के दौरान सरकार देवस्थानम प्रबंधन अधिनियम को वापस लेने के लिए विधेयक ला सकती है।इस पर कैबिनेट मंत्री डॉ.हरक सिंह रावत ने बयान दिया था कि विचार विमर्श के बाद अगर सरकार को लगा कि देवस्थानम बोर्ड तीर्थपुरोहितों, पंडा समाज के हित में नहीं है तो सरकार इसे वापस लेने पर विचार कर सकती है। हरक सिंह ने कहा कि मुख्यमंत्री और मैंने कहा था कि जो भी फैसला करेंगे वह उनके हित में होगा, सबसे सलाह मशविरा कर ही निर्णय होगा। जिस तरह प्रधानमंत्री ने बड़ा दिल दिखाया है। हमने यदि कोई कानून बनाया है तो ऐसा नहीं है कि हम उस पर अडिग हैं, लकीर के फकीर हैं।

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