Entertainment : सच्ची घटना पर आधारित है रानी मुखर्जी की फिल्म 'मिसेज चटर्जी वर्सेज नॉर्वे' की कहानी, पढ़कर आ जाएंगे आंसू  - Khabar Uttarakhand - Latest Uttarakhand News In Hindi, उत्तराखंड समाचार

सच्ची घटना पर आधारित है रानी मुखर्जी की फिल्म ‘मिसेज चटर्जी वर्सेज नॉर्वे’ की कहानी, पढ़कर आ जाएंगे आंसू 

Reporter Khabar Uttarakhand
3 Min Read
real mrs chatterjee- मिसेज चटर्जी फिल्म की असली कहानी

बॉलीवुड की बेहतरीन अभिनेत्री रानी मुखर्जी की फिल्म ‘मिसेज चटर्जी वर्सेज नॉर्वे’ इस वक्त सिनेमाघरों में रिलीज़ हो चुकी है।

फिल्म का बॉक्स ऑफिस पर अब तक ठीक प्रदर्शन रहा। इस फिल्म में रानी मिसेज चटर्जी का रोल  अदा कर रही है। फिल्म एक माँ के संघर्षों को दर्शाती है।

फिल्म में दिखाया गया है कैसे एक माँ अपने बच्चों को वापस लेने के लिए पूरे देश से भीड़ जाती है। आपको बता दें की फिल्म ‘मिसेज चटर्जी वर्सेज नॉर्वे’ सच्ची घटना पर आधारित है।

real mrs chatterjee-

सच्ची घटना पर आधारित है फिल्म

रानी मुखर्जी की फिल्म मिसेज चटर्जी वर्सेज नॉर्वे 12 साल पुरानी उस दर्दनाक कहानी के ऊपर है। यह फिल्म सागरिका चटर्जी के ऊपर है। सागरिका एक भारतीय महिला है जो नॉर्वे अपने दो बच्चों और पति के साथ रहती थी।

मिसेज चटर्जी के बच्चों की कस्टडी नोवेरियन चाइल्ड वेलफेयर सर्विस वालों द्वारा छीन ली जाती है। उनके हिसाब से बच्चों की परवरिश नॉर्वे के कानून से नहीं हो रही थी। अपने बच्चों को वापस पाने के लिए मिसेज चटर्जी नार्वे के कानून से लड़ गई थी।

real mrs chatterjee-

नॉर्वे की चाइल्ड वेलफेयर सर्विस का आरोप

मिसेज चटर्जी के दोनों बच्चों को छीनने के पीछे चाइल्ड वेलफेयर सर्विस ने यह आरोप लगाया था की कपल अपने बच्चों को जबरदस्ती खाना खिलाते है। बच्चों के साथ माँ का स्वाभाव ठीक नहीं है और साथ ही मिसेज चटर्जी की मानसिक स्तिथि भी खराब है।

मिसेज चटर्जी के पति अनिरुद्ध पर भी डोमेस्टिक वॉयलेंस और अपनी पत्नी की काम में मदद ना करना आदि आरोप चाइल्ड वेलफेयर द्वारा लगाए जाते है। बच्चों का ठीक से ख्याल रखने के लिए सागरिका के दोनों बच्चों को वेलफेयर कमेटी के लोग अपने साथ ले जाते हैं।

यही इस मूवी में दर्शाया गया है कि किस तरह रियल लाइफ मिसेज चटर्जी ने अपने बच्चों को पाने के लिए संघर्ष किया। कैसे वह अपने बच्चों को पाने के लिए चार साल की लम्बी लड़ाई लड़ती रही। किस प्रकार की तकलीफों और मानसिक तनाव से सागरिका को गुजरना पड़ा।

Share This Article