Dehradun : उत्तराखंड : पिया मिलन की राह हुई कठिन, गुरु ने अटकाया रोड़ा - Khabar Uttarakhand - Latest Uttarakhand News In Hindi, उत्तराखंड समाचार

उत्तराखंड : पिया मिलन की राह हुई कठिन, गुरु ने अटकाया रोड़ा

Reporter Khabar Uttarakhand
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# Uttarakhand Assembly Elections 2022

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देहरादून: शादी की शहनाई इस बार कुछ देर से बजेगी। जानकारों की मानें तो देवगुरु बृहस्पति के अस्त होने के साथ होलाष्टक और सूर्य के मीन राशि में आने से मीन का मलमास लगने की वजह से शुभकार्य नहीं होंगे। अब 23 फरवरी से 16 अप्रैल तक 53 दिन शहनाई नहीं बजेगी। गुरु अस्त में वैवाहिक मांगलिक कार्य नहीं किए जाते हैं।

गुरु ग्रह को समृद्धि, विवाह, वैभव, विवेक और धार्मिक कार्यों का कारक ग्रह माना जाता है। इस कारण बृहस्पति ग्रह के अस्त होने पर शुभ कार्य वर्जित हो जाते हैं। गुरु ग्रह 23 मार्च को उदित हो जाएंगे, लेकिन उससे पहले ही खरमास लग जाएगा। खरमास और गुरु अस्त के इस संगम में विवाह में बंधने वाले जोड़ों के लिए अब दो महीने तक इंतजार करना पड़ेगा।

सूर्य देव 14 मार्च को गुरुदेव की राशि मीन में प्रवेश करेंगे, और एक महीने तक रहेंगे। नारायण ज्योतिष संस्थान के विकास जोशी के मुताबिक 23 फरवरी से 20 मार्च तक गुरु अस्त रहेंगे। इसके बीच आठ दिनी होलाष्टक 10 मार्च से और मीन का मलमास लगने से 14 मार्च से 14 अप्रैल तक विवाह नहीं होंगे। इसके चलते विवाह के दूसरे सीजन का विवाह का पहला मुहूर्त 17 अप्रैल को होगा।

बृहस्पति अस्त होने के दौरान अबूझ मुहूर्त में से एक फुलेरा दूज 4 मार्च को होगी। इस मौके पर मत-मतांतर के साथ विवाह होंगे। मान्यता है कि इस दिन शुभ कार्य के लिए पंचांग देखने की आवश्यकता नहीं होती है। गुरु, धनु व मीन राशि के स्वामी हैं। यह कर्क राशि में उच्च व शनिदेव की राशि मकर में नीच के माने जाते हैं। विवाह में गुरु ग्रह का उदय होना आवश्यक माना जाता है। सोलह संस्कार में विवाह एक महत्वपूर्ण संस्कार है।

विवाह का दिन तय करने के लिए वर-वधु की जन्म पत्रिका के अनुसार सूर्य, चंद्र व गुरु की गोचर स्थिति का ध्यान रखने की आवश्यकता होती है। इसे त्रिबल शुद्धि कहा जाता है। गुरु को शुभ फलदायी ग्रह माना गया है। जन्म कुंडली में गुरु ग्रह की स्थिति शुभ होने पर व्यक्ति को सभी क्षेत्रों में सफलता मिलती है। गुरु कमजोर होने पर परेशानियों का सामना करना पड़ता है।

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