Big News : पुलिस कर्मियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की याचिका को हाईकोर्ट ने किया खारिज - Khabar Uttarakhand - Latest Uttarakhand News In Hindi, उत्तराखंड समाचार

पुलिस कर्मियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की याचिका को हाईकोर्ट ने किया खारिज

Yogita Bisht
4 Min Read
high court

हाईकोर्ट ने पेपर लीक मामले में प्रदर्शन के दौरान पुलिस द्वारा किए गए लाठीचार्ज में आरोपी पुलिस कर्मियों पर कार्रवाई की मांग को लेकर दायर जनहित याचिका पर सुनवाई की। हाईकोर्ट ने पुलिस कर्मियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की याचिका को खारिज कर दिया।

 हाईकोर्ट ने पुलिस कर्मियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की याचिका को किया खारिज

अधीनस्थ सेवा चयन आयोग के पेपर लीक होने के मामले की सीबीआई जांच करने व देहरादून में बेरोजगारों पर लाठीचार्ज करने के आरोपी पुलिस कर्मियों पर कार्रवाई को लेकर नैनीताल हाईकोर्ट में  जनहित याचिका दायर की गई थी। जनहित याचिका ने  पर सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने कहा कि बेरोजगारों की ओर से पुलिस पर पथराव करने व हिंसा फैलाने पर कड़ा रुख अपनाना चाहिए। कोर्ट ने इन पर कड़ा रुख अपनाते हुए ऐसे तत्वों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने के निर्देश दिए हैं।

आंदोलन करते हुए भीड़ ने हिंसा का लिया सहारा- हाईकोर्ट

इस मुद्दे पर सुनवाई करते हुए नैनीताल हाईकोर्ट ने कहा कि ऐसा प्रतीत होता है कि प्रश्नपत्र लीक होने के मुद्दे पर आंदोलन करते हुए भीड़ ने हिंसा का सहारा लिया था। इसके साथ ही हाईकोर्ट ने कहा कि भले ही प्रश्नपत्र लीक हुए हों, लेकिन यह प्रकरण किसी को भी हिंसा का सहारा लेने, सार्वजनिक संपत्ति को नष्ट करने या सार्वजनिक उपद्रव करने का बहाना नहीं दे सकते।

याचिकाकर्ता से सरकार के जवाब के चार सप्ताह के भीतर मांगा जवाब

हाईकोर्ट ने याचिकाकर्ता को सरकार के जवाब के चार सप्ताह के भीतर प्रति उत्तर देने के लिए कहा है। इसके साथ ही हाईकोर्ट ने कहा है कि याचिकाकर्ता को प्रशासन से उचित अनुमति प्राप्त करने के बाद शांतिपूर्ण सभा में अपना विरोध दर्ज कराने का मौलिक अधिकार है लेकिन उसे हिंसा का सहारा लेने का अधिकार नहीं है। इसलिए हम पुलिस के खिलाफ कार्रवाई की मांग को स्वीकार नहीं कर सकते हैं।

देहरादून निवासी विकेश सिंह नेगी ने हाईकोर्ट में दायर की थी जनहित याचिका

इस मामले में देहरादून निवासी विकेश सिंह नेगी ने हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर की थी। उन्होंने कहा कि प्रदेश में पिछले कुछ दिनों से छात्र यूकेएसएसएससी पेपर लीक होने के कारण सड़कों पर हैं। बोराजगार युवाओं पर सरकार  लाठीचार्ज कर रही है।

पेपर लीक मामले में सरकार चुप है, मामले की जांच सीबीआई से कराई जाए

इस मामले में सरकार चुप है। इतना ही नहीं छात्रों को जेल भी भेज दिया गया। याचिका में कहा गया कि पेपर लीक कराने वालों के खिलाफ सरकार कोई ठोस कदम नहीं उठा रही है। इसलिए इस मामले की जांच सीबीआई से कराई जाए।

इसके साथ ही याचिकाकर्ता का यह भी कहना था कि लोकल पुलिस और एसटीएफ पर उनका विश्वास नहीं है। सरकार की परीक्षा कराने वाली यूकेएसएसएससी ने वीडीओ भर्ती, लेखपाल भर्ती व पटवारी भर्ती की परीक्षाएं कराईं हैं। तीनों परीक्षाओं के पेपर लीक हुए थे।

 

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योगिता बिष्ट उत्तराखंड की युवा पत्रकार हैं और राजनीतिक और सामाजिक हलचलों पर पैनी नजर रखती हैंं। योगिता को डिजिटल मीडिया में कंटेंट क्रिएशन का खासा अनुभव है।