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मंत्री गणेश जोशी तक पहुंच सकती है उद्यान घोटाले की आंच, BJP विधायक भी पड़ सकते हैं मुश्किल में

Yogita Bisht
4 Min Read
उद्यान घोटाला

उद्यान घोटाले को लेकर प्रदेश की राजनीति में उबाल आ गया है। इस घोटाले की आंच मंत्री गणेश जोशी तक भी आ सकती है। इसके साथ ही रानीखेत विधायक प्रमोद नैनवाल भी मुश्किल में पड़ते नजर आ रहे हैं।

मंत्री गणेश जोशी तक पहुंच सकती है उद्यान घोटाले की आंच

उद्यान घोटाले को लेकर कांग्रेस सरकार पर लगातार हमलावर है। जिसका कारण है इस घोटाले में बीजेपी विधायक का नाम सामने आना। इस पूरे मामले में रानीखेत विधानसभा से विधायक प्रमोद नैनवाल और उनके भाई का नाम सामने आ रहा है। जिस पर कांग्रेस प्रवक्ता गरिमा दसौनी और कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष ने कई सवाल उठाते हुए मंत्री गणेश जोशी के इस्तीफे की मांग की है।

कांग्रेस ने की मंत्री गणेश जोशी के इस्तीफे की मांग

मंत्री गणेश जोशी की नाक के नीचे इतना बड़ा घोटाला होता रहा और ना अधिकारियों और ना ही मंत्री को इस बात की भनक लगी। ये कैसे हो सकता है। कांग्रेस प्रवक्ता ने सवाल उठाते हुए कहा है कि मुख्यमंत्री एकीकृत बागवानी मिशन योजना से दिए गए पौधे थे तो विधायक के भाई से इतनी बड़ी रकम ना लिया जाना सरकारी कोष में चोरी नहीं तो और क्या है?

यहां सवाल ये भी उठता है कि क्या मंत्री गणेश जोशी सब कुछ जान के भी अंजान बने रहे। कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष करन माहरा ने इस घोटाले में मंत्री गणेश जोशी के इस्तीफे की मांगी की है। कांग्रेस का कहना है कि इतना बड़ा घोटाला होता रहा फिर भी मंत्री चुप रहे। कांग्रेस द्वारा मंत्री गणेश जोशी के इस्तीफे की मांग के बाद से चर्चाओं के बाजार गर्म हैं।

BJP विधायक प्रमोद नैनवाल की बढ़ सकती हैं मुश्किलें

घोटाले के उजागर होने के बाद BJP विधायक प्रमोद नैनवाल की मुश्किलें बढ़ती हुई नजर आ रही हैं। जहां एक ओर विधायक कह रहे हैं कि ये एक साजिश है और उनकी छवि को धूमिल करने का प्रयास किया जा रहा है तो वहीं दूसरी ओर कांग्रेस की प्रवक्ता गरिमा दसौनी का कहना है कि नैनवाल झूठ बोलकर हाई कोर्ट को गुमराह कर रहे हैं। वो खुद को बेकसूर बताकर कोर्ट का अपमान कर रहे हैं।

उन्होंने सवाल उठाया है कि अगर नैनवाल इतने ही पाक-साफ हैं तो संगठन ने उन्हें मुख्यालय से प्रेस वार्ता करने की इजाजत क्यों नहीं दी और उन्हें एक निजी होटल से प्रेस वार्ता क्यों करनी पड़ी ?

विधायक और सरकार के दबाव में कुछ नहीं कर रहे अधिकारी

कांग्रेस प्रवक्ता का कहना है कि 2402 पौधे क्लोनल रूट स्टॉक को लगाने का जो मानक है। इस आधार पर कम से कम ७० नाली से भी अधिक जमीन होनी चाहिए। लेकिन जहां पर ये पौधे लगाए हुए दिखाए गए हैं वहां पर विधायक और उसके भाई की संयुक्त जमीन केवल 41 नाली है।

तो बाकी जमीन जो घेरी गई वो पूरी कहां से आई? दसौनी ने जानकारी देते हुए बताया की बाकी घेरी हुई जमीन लोक निर्माण विभाग, वन विभाग और राजस्व विभाग की है जो विधायक और सरकार के दबाव और मजबूरी में कुछ नहीं कर पा रहे हैं।

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योगिता बिष्ट उत्तराखंड की युवा पत्रकार हैं और राजनीतिक और सामाजिक हलचलों पर पैनी नजर रखती हैंं। योगिता को डिजिटल मीडिया में कंटेंट क्रिएशन का खासा अनुभव है।