Big News : अचानक से चीखने के बाद बेहोश होने लगी छात्राएं, स्कूल प्रबंधन के फूले हाथ-पांव - Khabar Uttarakhand - Latest Uttarakhand News In Hindi, उत्तराखंड समाचार

अचानक से चीखने के बाद बेहोश होने लगी छात्राएं, स्कूल प्रबंधन के फूले हाथ-पांव

Yogita Bisht
3 Min Read
MASS-HYSTERIA (1)
प्रतीकात्मक तस्वीर

बागेश्वर के असों गांव स्थित इंटर कॉलेज में पढ़ रही छात्राएं अचानक से चीखने-चिल्लाने लगी और बेहोश होने लगी। जिसे देखकर स्कूल प्रबंधन के हाथ-पांव फूल गए। आनन-फानन में डॉक्टर से संपर्क किया गया। जिसके बाद छात्राओं पर झाड़-फूंक तक की गई।

अचानक चीखने-चिल्लाने लगी छात्राएं

बागेश्वर के असों गांव स्थित इंटर कॉलेज में पढ़ रही छात्राएं अचानक से चीखने चिल्लाने लगी। फिर एक के बाद एक बेहोश होने लगी। अचानक हुए इस घटनाक्रम से स्कूल प्रबंधन के हाथ-पांव फूल गए। शिक्षकों ने आनन-फानन में चिकित्सकों से संपर्क किया। स्थानीय लोगों की सलाह के बाद छात्राओं को झाड़ फूंक के लिए भी ले जाया गया।

मास हिस्टीरिया लग रहा मामला

मिली जानकारी के मुताबिक अचानक से कुछ छात्राएं प्रार्थना सभा के बाद जोर-जोर से चिल्लाने लगीं। देखते ही देखते उन्हें बेहोशी छाने लगी। सीएमओ डॉ. डीपी जोशी का कहना है कि प्रथम दृष्टया ये मास हिस्टीरिया का मामला लग रहा है। जिसकी जांच के लिए स्कूल में डॉक्टरों की टीम भेजी जाएगी।

क्या होता है मास हिस्टीरिया ?

मास हिस्टीरिया एक तरह का मेंटल डिसऑर्डर या साइकोलॉजिकल प्रॉब्लम है। साइकेट्रिस्ट के मुताबिक जब कोई व्यक्ति मेंटली या इमोशनली परेशान होता है, तो अपनी तरफ ध्यान आकर्षित करना चाहता है और असामान्य हरकतें करता है।

इसमें एक व्यक्ति को ऐसा करते देख दूसरा, तीसरा और कई लोग असामान्य हरकतें कर सकते हैं। इसमें व्यक्ति अंदर ही अंदर घुट रहा होता है और अपना दर्द किसी को नहीं बता पाता है। वह चाहता है कि लोग उससे बात करें और उसकी समस्याएं पूछें।

किन लोगों में ज्यादा होती है मास हिस्टीरिया की समस्या

ये समस्या ज्यादातर महिलाओं में देखी जाती है, जो कम पढ़ी-लिखी हैं या फिर जो अपनी इच्छा और मन की बात को अंदर ही दबा देती हैं। किसी से कुछ कह नहीं पाती हैं, लेकिन जरूरी नहीं है कि ये महिलाओं को ही हो। वक्त के साथ-साथ कई पुरुषों में भी हिस्टीरिया की समस्या देखी गई है।

मास हिस्टीरिया के लक्षण

  • पेट या सिर दर्द
  • बालों को नोंचना
  • हाथ पांव पटकना
  • इधर-उधर भागना
  • रोना और चिल्लाना
  • गुस्सा करना
  • उदास रहना
  • थोड़ी देर के लिए बेहोश होकर अकड़ जाना
  • भूख और नींद में कमी आना

मास हिस्टीरिया के पेशेंट का ऐसे करें इलाज

  • सबसे पहले उसे साइकोलॉजिस्ट के पास ले जाना चाहिए।
  • साइकोलॉजिस्ट उसकी दबी हुई इच्छाएं पूछकर बाहर लाने की कोशिश करते हैं।
  • पेशेंट की फैमिली को जागरूक और एजुकेट करते हैं।
  • पेशेंट की काउंसलिंग चलती है और उसे मेडिटेशन करवाया जाता है।
  • हिप्नोथेरेपी से पेशेंट को काफी मदद मिलती है।
  • हिप्नोथेरेपी में पेशेंट की दबी इच्छाओं को बाहर निकाला जाता है और उसकी मेंटल कंडीशन दूसरी बनाई जाती है।
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योगिता बिष्ट उत्तराखंड की युवा पत्रकार हैं और राजनीतिक और सामाजिक हलचलों पर पैनी नजर रखती हैंं। योगिता को डिजिटल मीडिया में कंटेंट क्रिएशन का खासा अनुभव है।