National : बेहद खास है अबू धाबी में बना पहला हिंदू मंदिर, यहां दिखेगी भारत की झलक, जानिए अहम बातें   - Khabar Uttarakhand - Latest Uttarakhand News In Hindi, उत्तराखंड समाचार

बेहद खास है अबू धाबी में बना पहला हिंदू मंदिर, यहां दिखेगी भारत की झलक, जानिए अहम बातें  

Renu Upreti
3 Min Read
Specialty of the temple built in Abu Dhabi
Specialty of the temple built in Abu Dhabi

अबू धाबी में पहला हिंदू मंदिर बनकर तैयार हो गया है। ये मंदिर बेहद खास है और दिखने में भी काफी अद्भुत है। भारतीय कारीगरों ने ही इस मंदिर को बनाया है। आइये जानते हैं मंदिर की खासियत।

अबू धाबी में बने मंदिर की खासियत

  • यह विशाल हिंदू मंदिर करीब 27 एकड़ जमीन पर बना है।
  • इस हिंदू मंदिर के निर्माण में करीब 700 करोड़ रुपये खर्च हुए हैं।
  • लगभग 108 फीट ऊंचे इस विशाल हिंदू मंदिर की भव्यता देखते ही बनती है।
  • दुबई-अबू धाबी शेख जायेद हाइवे पर अल रहबा के पास यह मंदिर बना है।
  • संयुक्त अरब अमीरात की सरकार ने इस मंदिर के लिए जमीन दान की थी।
  • यह बीएपीएस मंदिर खाड़ी क्षेत्र में सबसे बड़ा मंदिर है।
  • इस मंदिर में देश के प्रत्येक अमीरात का प्रतिनिधित्व करने वाली सात मीनारें भी हैं।
  • मंदिर में हाथ में नक्काशी की गई है।
  • इस मंदिर का निर्माण भारतीय कारीगरों ने किया है।
  • ये कारीगर पारंपरिक हिंदू मंदिर वास्तुकला में एक्सपर्ट है।
  • यह मंदिर मिडिल ईस्ट का सूबसे बड़ा मंदिर होगा।
  • साल 2019 से इस मंदिर का काम चल रहा है।
  • इस मंदिर को BAPS  नाम की संस्था के नेतृत्व में बनाया गया है।
  • दिल्ली में अक्षरधाम मंदिर का निर्माण भी इसी संस्था ने किया है।
  • मंदिर के निर्माण में 50,000 से ज्यादा लोगों ने ईंट रखी हैं।

गंगा और यमुना का पवित्र जल

मंदिर के दोनों ओर गंगा और यमुना का पवित्र जल बह रहा है जिसे बड़े-बड़े कंटेनर में भारत में लाया गया है। जिस ओर गंगा का जल बहता है वहां पर एक घाट के आकार का एम्फीथिएटर बनाया गया है। इसके पीछे का विचार इसे वाराणसी घाट की तरह दिखाना है जहां लोग बैठ सके, ध्यान लगा सकें और उनके जहन में भारत में बने घाटों की यादें ताजा हो जाएं। जब पर्यटक अंदर आएंगे तो उन्हें जल की दो धाराएं दिखेंगी जो सांकेतिक रुप से भारत में गंगा और यमुना नदियों को दर्शाती हैं। त्रिवेणी संगम बनाने के लिए मंदिर की संरचना से रोशनी की किरण आएगी जो सरस्वती नदी को दर्शाएगी।

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