Big News : पिता शादी का कार्ड बांटने में व्यस्त थे, शहीद ने मां से कहा था- आकर मैं अपनी पसंद की साड़ी दिलाऊंगा, वहीं पहनना - Khabar Uttarakhand - Latest Uttarakhand News In Hindi, उत्तराखंड समाचार

पिता शादी का कार्ड बांटने में व्यस्त थे, शहीद ने मां से कहा था- आकर मैं अपनी पसंद की साड़ी दिलाऊंगा, वहीं पहनना

Reporter Khabar Uttarakhand
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amit shah

amit shah16 फरवरी की तारीख..ये दिन देश और उत्तराखंड के लिए बेहद दुखी और झकझोर देने वाला था..हर किसी की आंखों में सिर्फ आंसू थे. जी हां 16 फरवरी को ही बम डिफ्यूज करते हुए देहरादून के नेहरु कॉलोनी चित्रेश बिष्ट शहीद हुए। उस दिन उनके पिता का जन्मदिन था। शहीद मेजर ने पापा के लिए ऑनलाइन केक भिजवाया था..बर्थडे विश भी किया था औऱ कहा था कि पापा में 28 फरवरी को घर आ रहा हूं क्योंकि शहीद मेजर की 7 मार्च को शादी थी।

उत्तराखंड पुलिस में बतौर दारोगा पद से रिटार्यड चित्रेश बिष्ट के पिता बेटे की शादी का कार्ड बांटने में व्यस्थ थे कि बेटे की शहादत की खबर ने झकझोर दिया। एक दिन पहले पुलवामा हमले में देश ने 40 जवान खोए और उसके दिन बाद बहादुर अफसर को।

मां से कहा था- आकर मैं अपनी पसंद की साड़ी दिलाऊंगा

7 मार्च को शहीद मेजर की शादी अंकिता से तय हुई थी। घर में शादी की तैयारियां चल रही थी। बहादुर शहीद बेटे ने मां से फोन पर कहा था कि आकर मैं अपनी पसंद की साड़ी दिलाऊंगा. वही मेरी शादी में पहनना. मगर वो नहीं आए. चित्रेश जम्मू कश्मीर के नौशेरा में पोस्टेड थे. 16 फरवरी की सुबह नौशेरा के बॉर्डर पर कई माइंस मिलीं. आतंकियों ने बिछाई थीं. चित्रेश अपनी बम डिस्पोजल टीम के साथ मौके पर पहुंचे. एक माइन डिफ्यूज कर दी. दूसरी कर रहे थे कि माइन एक्टिवेट हो गई. विस्फोट हुआ. और 31 साल के चित्रेश घायल हो गए. उन्हें अस्पताल लो जाया गया पर उन्हें बचाया नहीं जा सका. चित्रेश शहीद हो गए.

पिता एसएस बिष्ट बेटे की शादी के कार्ड बांटने में व्यस्त थे

जब ये हादसा हुआ. चित्रेश के पिता एसएस बिष्ट बेटे की शादी के कार्ड बांटने में व्यस्त थे. पूरा परिवार शादी की तैयारियों में लगा था. जब बेटे के शहीद होने की खबर घर पहुंची. 18 फरवरी को चित्रेश का पार्थिव शरीर जब देहरादून की नेहरु कॉलोनी स्थित अपने घर पहुंचा तो हर तरफ लोग थे. हजारों लोग. सड़क पटी पड़ी थी. नारे गूंज रहे थे चित्रेश अमर रहें. भारत माता की जय. जब तक सूरज चांद रहेगा, चित्रेश तेरा नाम रहेगा…

आईएमए से हुए थे पासआउठ

बताया गया कि शहीद मेजर बिष्‍ट ने अब तक 25 बम डिफ्यूज किए थे. वह पढ़ाई में भी बचपन से ही बहुत होनहार थे. मेजर रैंक के लिए हुई परीक्षा में उन्होंने नौवां स्‍थान हासिल किया था. भारतीय सैन्‍य अकैडमी देहरादून से 2010 में पासआउट हुए थे. फिलहाल सेना की इंजिनियरिंग कोर में तैनात थे. शादी की खुशी गम में  बदल गई। माता-पिता का सब कुछ तबाह हो गया। किसे पता था कि शादी की खुशी मातम में बदल जाएगी।

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