Religious : बाबा केदार के गद्दी स्थल को संवारने की कवायद शुरू, 470.39 लाख की लगेगी लागत - Khabar Uttarakhand - Latest Uttarakhand News In Hindi, उत्तराखंड समाचार

बाबा केदार के गद्दी स्थल को संवारने की कवायद शुरू, 470.39 लाख की लगेगी लागत

Sakshi Chhamalwan
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MOU SIGN

बाबा केदार के शीतकालीन गद्दी स्थल ऊखीमठ स्थित ओंकारेश्वर मंदिर परिसर के विस्तारीकरण, सौंदर्यीकरण और कोठा भवन के पुनर्निर्माण के प्रथम चरण के काम एक्सप्रेस पब्लिकेशन प्राइवेट लिमिटेड करेगा। इस पर 470.39 लाख रुपये की लागत आएगी। इसके लिए एक्सप्रेस पब्लिकेशन और बदरी-केदार मंदिर समिति के बीच एमओयू पर हस्ताक्षर किए गए हैं ।

बीकेटीसी के कैनाल रोड स्थित कार्यालय में अध्यक्ष अजेंद्र अजय की उपस्थिति में समझौता हुआ। बीकेटीसी की तरफ से मुख्य कार्याधिकारी योगेंद्र सिंह और एक्सप्रेस पब्लिकेशन की तरफ से महाप्रबंधक अवनीश सिंह ने एमओयू पर हस्ताक्षर किए।

नए डेस्टिनेशन के रूप में जाना जाएगा ओंकारेश्वर मंदिर

पहले चरण में ओंकारेश्वर मंदिर परिसर में टेंपल प्लाजा, एडमिन बिल्डिंग, वर्तमान प्रशासनिक भवन के फसाड का विकास कार्य किया जाएगा। निर्माण कार्यों का डिजाइन और आर्किटेक्ट बीकेटीसी की ओर से पर्वतीय पौराणिक शैली में कराया गया है। बीकेटीसी अध्यक्ष अजेंद्र ने पब्लिकेशन ग्रुप को कहा कि ओंकारेश्वर मंदिर परिसर का विस्तारीकरण, कोठा भवन के जीर्णोद्धार के बाद ऊखीमठ एक नए डेस्टिनेशन के रूप में श्रद्धालुओं व तीर्थयात्रियों के सम्मुख होगा।

उसके बाद जल्द ही दूसरे फेज की डीपीआर भी तैयार हो जाएगी, जिसमें कोठा भवन, उषा-अनिरुद्ध विवाह मंडप आदि के जीर्णोद्धार कार्य होने हैं। तीसरे चरण में मंदिर परिसर के बाहर सौंदर्यीकरण व पार्किंग निर्माण के काम होंगे। बताया जा रहा है कि मार्च में प्रदेश के सीएम धामी से समय लेकर भूमि पूजन करा दिया जाएगा।

केदारनाथ के कपाट बंद होने पर ओंकारेश्वर मंदिर में होती है बाबा केदार की पूजा

केदारनाथ धाम के कपाट बंद होने पर ऊखीमठ स्थित ओंकारेश्वर मंदिर परिसर में ही बाबा केदार की पूजा की जाती है। बाबा केदार के साथ ही द्वितीय केदार बाबा माहेश्वर की चल विग्रह डोली भी यहीं रहती है। इसके अलावा यहां पंच केदारों की पूजा भी की जाती है। यहां पर पौराणिक व ऐतिहासिक महत्व का कोठा भवन भी है, जिसके बेसमेंट में भगवान श्री कृष्ण के पोते अनिरुद्ध और दैत्यराज बाणासुर की पुत्री उषा का विवाह मंडप स्थित है। उषा के नाम पर ही उषामठ और बाद में अपभ्रंश होकर ऊखीमठ प्रचलित हुआ।

लम्बे समय से उठ रही थी पुनर्निर्माण की मांग

बता दे, वर्तमान में यह कोठा भवन जीर्णशीर्ण स्थिति में है। स्थानीय जनता व श्रद्धालुओं द्वारा विगत कई दशकों से इसके पुनर्निर्माण की मांग की जाती रही है। इसके साथ ही मंदिर परिसर के सौंदर्यीकरण की मांग भी उठायी जा रही थी। बीकेटीसी का अध्यक्ष नियुक्त होने के बाद अजेंद्र अजय द्वारा इसके जीर्णोद्धार व पुनर्निर्माण कार्य को अपनी प्राथमिकताओं में शामिल किया गया।

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Sakshi Chhamalwan उत्तराखंड में डिजिटल मीडिया से जुड़ीं युवा पत्रकार हैं। साक्षी टीवी मीडिया का भी अनुभव रखती हैं। मौजूदा वक्त में साक्षी खबरउत्तराखंड.कॉम के साथ जुड़ी हैं। साक्षी उत्तराखंड की राजनीतिक हलचल के साथ साथ, देश, दुनिया, और धर्म जैसी बीट पर काम करती हैं।