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उत्तराखंड : कोषागार में हो गया करोड़ों का गबन, किसी को नहीं लगी भनक! दो कर्मचारी लापता

Reporter Khabar Uttarakhand
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cm pushkar singh dhami

cm pushkar singh dhami

नई टिहरी: टिहरी कोषागार के जो दो कर्मचार लापता बताए जा रहे हैं, उनसे जुड़ा बड़ा खुलासा हुआ है। खुलासा ऐसा कि हर कोई हैरान हैं। बताया जा रहा है कि दोनों कर्मचारियों ने करीब ढाई करोड़ रुपये का गबन किया है। इस मामले में दोनों के खिलाफ अब मुकदमा दर्ज कर लिया गया है। मामले की जांच शुरू कर दी गई है। इतना बड़ा गबन होने के बाद भी अधिकारियों को इसकी भनक तक नहीं लर्गी

टिहरी जिला कोषागार में तैनात लापता चल रहे दो कर्मचारियों के खिलाफ सहायक कोषाधिकारी ने नई टिहरी कोतवाली में सरकारी धन के गबन का मुकदमा दर्ज कराया है। एसएसपी ने बताया कि दोनों पर दो करोड़ 21 लाख 23 हजार 150 रुपये के गबन का आरोप है। कोषागार में कार्यरत लेखाकार जयप्रकाश शाह और लेखाकार यशपाल नेगी बीते 25 दिसंबर से लापता चल रहे हैं। एसएसपी टिहरी नवनीत सिंह भुल्लर ने बताया कि दोनों कर्मचारियों के स्वजन की तरफ से 27 दिसंबर को नई टिहरी में गुमशुदगी दर्ज कराई गई थी।

पुलिस दोनों की तलाश कर रही थी। लेकिन, अब इस मामले में कोषागार की तरफ से दोनों लापता कर्मचारियों के खिलाफ सरकारी धन के गबन का मुकदमा दर्ज कराया गया है। बीते बुधवार को ऋषिकेश में जयप्रकाश शाह की कार बरामद की गई है। जिसमें कोषागार की 103 सरकारी फाइलें मिली हैं। दोनों के मोबाइल फोन भी 25 दिसंबर से बंद है। दोनों की तलाश की जा रही है। जिलाधिकारी इवा श्रीवास्तव ने बताया कि इस मामले में अभी जांच चल रही है। जांच के बाद ही कुछ कहा जा सकेगा।

एसएसपी नवनीत सिंह भुल्लर ने बताया कि करोड़ों रुपये के गबन के मामले में जांच के लिए जिला स्तर पर एसआइटी गठित की गई है। गबन की जांच के लिए सीओ आपरेशन अस्मिता ममगाईं के नेतृत्व में एसओजी और साइबर सेल की पांच सदस्यीय टीम बनाई गई है। टीम ने जांच शुरू कर दी है। टिहरी कोषागार के अलावा नरेंद्रनगर कोषागार में भी इन दिनों एक अंदरुनी जांच की जा रही है। कोषागार के अधिकारी अपने स्तर पर ही इसकी जांच करा रहे हैं। हालांकि अभी कोषागार की तरफ से पुलिस के पास कोई तहरीर नहीं दी गई है।

टिहरी कोषागार में पिछले काफी समय से पेंशनरों की पेंशन और अन्य मामलों में गबन का खेल चल रहा था। लेकिन, अधिकारियों को इसकी भनक तक नहीं लगी। कोषागार में वरिष्ठ कोषाधिकारी नमिता सिंह और अन्य अधिकारियों को इसकी जानकारी शासन स्तर से ही लगी। सूत्रों की मानें तो शासन स्तर से ही कुछ दिन पहले यह गोलमाल पकड़ा गया। जिसके बाद इस मामले का खुलासा हुआ।

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