Almora : मां ने जिसे समझ लिया था मरा, वो बेटी उत्तराखंड में मिली जिंदा, 13 साल बाद मिलकर फफक कर रो पड़ी - Khabar Uttarakhand - Latest Uttarakhand News In Hindi, उत्तराखंड समाचार

मां ने जिसे समझ लिया था मरा, वो बेटी उत्तराखंड में मिली जिंदा, 13 साल बाद मिलकर फफक कर रो पड़ी

Reporter Khabar Uttarakhand
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उत्तराखंड में एक भावुक नजारा देखने को मिला। इस पल के बारे में जिसने भी जाना उसकी भी आंखें नम हो गई। बता दें कि एक मां 13 साल बाद अपनी बिछड़ी बेटी से मिली तो वहां मौजूद हर किसी की आंखें नम हो गई। मां ने जिस बेटी को मरा समझा वो अचानक 13 साल बाद मां की आँखों के सामने आई तो मां की खुशी का ठिकाना नहीं रहा। मां ने कस के बेटो को गले से लगाया और फफक फफक कर रोने लगी।

आपको बता दें कि ये भावुक मामला अल्मोड़ा का है। जहां 18 साल की बेटी की माँ आज अल्मोड़ा पहुँची जो की नेपाल में रहती है। मां ने मीडिया को जानकारी दी कि उसकी बेटी जब बिछड़ी थी तब वो 5 साल की थी।  उसने बेटी को हर जगह ढूंढा लेकिन वो नहीं मिली। उसने बेटी को हरिद्वार में भी ढूंढा।

वहीं खोज बीन के बाद बाल कल्याण समिति नैनीताल की ओर से साल 2018 में एक मामले के बाद बेटी को राजकीय बाल गृह किशोरी बख में रखे जाने का आदेश किया गया। 18 साल पूरा होने पर बेटी को किशोरी सदन में शिफ्ट किया गया। इस दौरान यहां पर दो लोग आए। जिन लोगों ने बच्ची अपनी बेटी होने का दावा किया। इस पर जिला बार सरंक्षण इकाई की विधि सह परिवेक्षा अभिलाषा तिवारी ने दोनों व्यक्तियों के डीएनए जांच के लिए राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण के सदस्य सचिव आरके खुल्वे को पत्र लिखा। इसके बाद डीएनए करने की इजाजत मिली।

नियम के तहत दोनों का डीएनए की जांच की गई। बीते फरवरी में डीएनए की जांच रिपोर्ट आई। जांच के बाद दपंति, नाबालिग के जैविक माता-पिता पाए गए। अब जिला विधिक सेवा प्राधिकरण की ओर से आज बेटी को जिला जज मजहर सुल्तान, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण का सचिव रवि शंकर मिश्रा, नेपाल से आई अफसर पवित्रा कुमारी और एनजीओ संचालिका समेत आदि लोगों की मौजूदगी में बेटी को नेपाल से आई उसकी माँ के सुपुर्द किया गया। सचिव जिला विधिक सेवा प्राधिकरण अल्मोड़ा रवि शंकर मिश्रा ने बताया कि बालिका का डीएनए टेस्ट के बाद उसके जैविक माता-पिता की पुष्टि हुई। गुरुवार को बालिका को उसके माता पिता के सुपुर्द किया जा रहा है।

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