Dehradun : उत्तराखंड: 2022 की बिसात, पोस्टर-बैनरों का सहारा, तरह-तरह के दावे और वादे...VIDEO - Khabar Uttarakhand - Latest Uttarakhand News In Hindi, उत्तराखंड समाचार

उत्तराखंड: 2022 की बिसात, पोस्टर-बैनरों का सहारा, तरह-तरह के दावे और वादे…VIDEO

Reporter Khabar Uttarakhand
4 Min Read
2022 ki bisat

2022 ki bisat

देहरादून: उत्तराखंड में 2022 की बिसात में जनाधार जुटाने के लिए राजनीतिक दल हर हथकंडा अपना रहे हैं। चुनावी समर में जीत हासिल करने के लिए फिर चाहे घर-घर जाना हो या फिर सोशल मीडिया या पोस्टर के जरिए लोगों को लुभाना हो। नेता और उनके दल कोई कसर नहीं छोड़ते। पोस्टर पॉलिटिक्स का सिलसिला भी शुरू हो चुका है।

बैनर-पोस्टर के सहारे उत्तराखंड में राजनीतिक दल मुद्दों को उठाकर वोट बैंक साधने की कोशिशों में हैं। राज्य पांचवें विधानसभा चुनाव की दहलीज़ पर है। माना जा रहा है कि जनवरी के पहले सप्ताह में चुनाव आचार संहिता लग जाएगी। 2022 की बिसात में जीत हासिल करने के लिए सियासी दलों के बीच आरोप प्रत्यारोप का दौर तो चल ही रहा है। इसके साथ अब पोस्टर पॉलिटिक्स भी चरम पर है। सियासी पार्टियों के बड़े नेताओं की रैली और जनसभा के लिए राजनीतिक दल पोस्टर पॉलिटिक्स पर खुलकर खर्चा कर रहे हैं।

राज्य के चुनावी इतिहास को उठाकर देखा जाए तो हमेशा से ही मुकाबला राष्ट्रीय दलों के बीच ही देखा गया है। हालांकि तीसरे विकल्प के तौर पर बसपा, सपा, यूकेडी समेत कई दल चुनावी मैदान में उतरते तो आएं है। लेकिन, सत्ता पर काबित होने का मौका अभी तक बीजेपी-कांग्रेस को ही मिला है। मगर 2022 की बिसात में चुनावी समीकरण पूरी तरह से बदल चुके हैं। सियासी ज़मीन की तलाश में पहली बार आम आदमी पार्टी सभी विधानसभा सीटों पर चुनाव लड़ बीजेपी कांग्रेस को चुनौती दे चुकी है।

अब सियासी दलों के सामने चुनावी लड़ाई को जीतना किसी जंग से कम नहीं है। इस सियासी जंग में राजनीतिक दलों को पोस्टर पॉलिटिक्स का खूब साथ मिलता रहा है। इस बार भी सियासी दलों के बड़े बड़े बैनर और पोस्टर नजर आ रहे हैं। राजनीतिक दल अपने वादे और उपलब्धियों को चस्पा कर शहरभर में इसका प्रचार कर रहे हैं। राज्य में वर्तमान में बीजेपी की सरकार है। लिहाज़ा शहर भर में बीजेपी ने अपनी उपलब्धियों को जनता तक पहुंचाने के लिए पोस्टरों का सहारा लिया है।

बीजेपी के इन पोस्टर्स में धामी सरकार की उपलब्धियों के बखान के साथ योजनाओं का ज़िक्र भी है। यहीं नहीं हाल ही में प्रधानमंत्री मोदी की रैली के लिए शहरभर को बीजेपी ने पोस्टर से पाट दिया था। ऐसा हाल सिर्फ बीजेपी ही नहीं पहली बार चुनाव लड़ रही आम आदमी पार्टी का भी है। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल की फ्री पॉलिटिक्स के पोस्टर उनके आने पर शहरभर में चस्पा करा दिए गए।

कांग्रेस के बड़े-बड़े बैनर पोस्टरना सही। लेकिन, संकल्प पत्र पर सरकार की नाकामियों का बखान कर हर घरए हर गांव अभियान के तहत जनता के बीच जाने की कोशिशें खूब हो रही हैं। ऐसे में सवाल ये है कि सियासी दलों के फेंके गए इस पैंतरे के फेर में जनता फसेंगी या राजनीतिक दलों को ये सियासी सौदा महंगा पड़ेगा।

Share This Article