National : तेलंगाना के सीएम रेवंत रेड्डी की मुश्किलें बढ़ी, शाह के फर्जी वीडियो मामले में दिल्ली पुलिस ने भेजा नोटिस - Khabar Uttarakhand - Latest Uttarakhand News In Hindi, उत्तराखंड समाचार

तेलंगाना के सीएम रेवंत रेड्डी की मुश्किलें बढ़ी, शाह के फर्जी वीडियो मामले में दिल्ली पुलिस ने भेजा नोटिस

Renu Upreti
3 Min Read
Telangana CM Revanth Reddy's troubles increase
Telangana CM Revanth Reddy's troubles increase

गृह मंत्री अमित शाह का फेक वीडियो पोस्ट करने के आरोप में तेलंगाना के सीएम रेवंत रेड्डी की मुश्किलें बढ़ गई हैं। दिल्ली पुलिस ने उन्हें नोटिस भेजा है और एक मई को पूछताछ के लिए बुलाया है। दिल्ली पुलिस ने रेड्डी को फोन भी साथ लाने को कहा है। बता दें कि रेवंत रेड्डी तेलंगाना कांग्रेस के अध्यक्ष भी हैं और तेलंगाना कांग्रेस पर शाह का एडिटेड और फेक वीडियो पोस्ट करने का आरोप है।

एक आरोपी हुआ गिरफ्तार

असम पुलिस ने अमित शाह से जुड़े फर्जी वीडियो के मामले में रीतम सिंह नाम के एक व्यक्ति को गिरफ्तार भी कर लिया है। असम के सीएम ने एक्स हैंडल पर पोस्ट कर ये जानकारी दी है।

रविवार को दर्ज हुई एफआईआर

दरअसल गृह मंत्री अमित शाह का आरक्षण को लेकर एक फर्जी वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा था। इस मामले में रविवार को बड़ा एक्शन लिया गया था और एफआईआर दर्ज की गई थी। ये एफआईआर गृह मंत्री अमित शाह का फर्जी वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा था। इस मामले में रविवार को बड़ा एक्शन लिया गया था और एफआईआर दर्ज की गई थी। ये एफआईआर गृह मंत्री अमित शाह का फर्जी वीडियो फैलाने वाले लोगों के खिलाफ की गई थी। इस फर्जी वीडियो को लेकर ये भ्रम फैलाया जा रहा था कि अमित शाह ने एससी, एसटी और ओबीसी आरक्षण हटाने की बात कही। जबकि वास्तविकता में उन्होनें ऐसा नहीं कहा था।

क्या है पूरा मामला?

दरअसल गृह मंत्री अमित शाह का एक एडिडेट वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल किया जा रहा था, जिसमें शाह को ये प्रिजेंट करते हुए दिखाया जा रहा था कि उन्होनें कहा कि अगर बीजेपी की सरकार बनेगी तो वह अनुसूचित जाति (एससी), अनुसूचित जनजाति (एसटी), और पिछड़ा वर्ग के असंवैधानिक आरक्षण को खत्म कर देगी। जबकि असल में ये एडिडेट वीडियो है।  शाह ने ऐसा कुछ नहीं कहा। बल्कि अमित शाह कह रहे थे कि अगर बीजेपी सरकार बनी तो हम असंवैधानिक मुस्लिम आरक्षण को खत्म कर देंगे। अमित  शाह को यह कहते हुए सुना जा सकता है कि तेलंगाना के एससी, एसटी और ओबीसी समुदाय इस अवसर के हकदार हैं और मुस्लिम आरक्षण समाप्त करके उन्हें यह आरक्षण दिया जाएगा। 

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