गुजरात के बनासकाठा से एक हैरान करने वाला मामला सामने आया है। यहां अमेरिका के शिकागो में बस चुकी महिला का टीचर के तौर पर काम करने और सैलरी लेने का मामला सामने आया है। टीचर का नाम भावनाबेन पटेल है। उनके पास अमेरिका का ग्रीन कार्ड है। वो पिछले 8 साल से अमेरिका के शिकागो शहर में रह रही है लेकिन उनका नाम गुजरात के बनासकाठा जिले के अंबाजी में प्राइमरी स्कूल की टीचर के रुप में अब भी दर्ज है।
अधिकारियों ने नहीं लिया कोई संज्ञान
एक मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, भावनाबेन पटेल साल में एक बार दिवाली की छुट्टी के दौरान गुजरात आती हैं। इस दौरान स्कूल बंद रहता है। वहीं स्कूल में पढ़ रहे बच्चों और पैरेंट्स और स्कूल के प्रिंसिपल ने अधिकारियों से उनकी शिकायत की लेकिन उनकी शिकायत पर कोई कार्रवाई नहीं की गई है।
अभी भी सरकारी वेतन ले रही हैं भावनाबेन
स्कूल की प्रधानाचार्या ने बताया कि भावना बेन 2013 में शिकागो में बस गई थी। वे सरकारी वेतन ले रही हैं। जैसे ही मुझे इस बात की जानकारी मिली मैंनें तुरंत अधिकारियों को इस घटना के बारे में बताया ताकि बच्चों की पढ़ाई पर हो रहे नुकसान को रोका जा सके।
नो वर्क नो पेमेंट की शर्त के साथ ली थी छुट्टी
वहीं प्राथमिक शिक्षा अधिकारी ने इस मामले पर बताया कि भावनाबेन आखिरी बार 25 जनवरी 2023 को स्कूल में आई थी। इसके बाद 1 जनवरी 2024 से वो नो वर्क नो पेमेंट की शर्त के साथ छुट्टी पर है। उन्हें स्कूल विजिट के दौरान यह जानकारी मिली तो उन्होनें भावनाबेन को कारण बताओ नोटिस जारी किया था। जिस पर भावनाबेन ने जवाब देते हुए स्वीकार नहीं किया था और शिक्षा विभाग से भावनाबेन के खिलाफ कार्रवाई करने की अनुशंसा की थी। हालांकि प्राथमिक शिक्षा अधिकारी के दावों के बावजूद भावनाबेन पर अब तक कोई कार्रवाई नहीं हुई है।