Big News : गुलदार की टारगेट किलिंग से उड़े वन विभाग के अधिकारियों के होश, इतिहास में दूसरा मामला आया सामने - Khabar Uttarakhand - Latest Uttarakhand News In Hindi, उत्तराखंड समाचार

गुलदार की टारगेट किलिंग से उड़े वन विभाग के अधिकारियों के होश, इतिहास में दूसरा मामला आया सामने

Yogita Bisht
4 Min Read
गुलदार

देहरादून के विकासनगर में मासूम को अपना शिकार बनाने वाला गुलदार पिंजरे में कैद हो गया है। जिसके बाद ऐसा सच सामने आया है कि वन विभाग के अधिकारियों के होश उड़ गए हैं। गुलदार की टारगेट किलिंग ने शिकारियों और वन विभाग के अधिकारियों को चौंका दिया है।

पिजंरे में कैद हुआ मासूम को शिकार बनाने वाला गुलदार

देहरादून के विकासनगर में बीते दिनों मासूम को अपना शिकार बनाने वाला गुलदार आखिरकार पिजंरे में कैद हो गया है। ये गुलदार विकासनगर के शंकरपुर में आतंक का पर्याय बन चुका था। इसे पकड़ने के लिए वन विभाग ने सहसपुर के शंकरपुर स्थित राम खाली के पास लगाया था। जिसमें आज बृहस्पतिवार को सुबह गुलदार कैद हो गया है।

गुलदार की टारगेट किलिंग ने उड़ाए सबके होश

गुलदार के पकड़े जाने पर जहां लोगों ने राहत की सांस ली तो वहीं एक ऐसा सच सामने आया जिसने सबके होश उड़ा दिए। गुलदार ने मासूम को टारगेट किलिंग के जरिए मारा था। ये जानकर शिकारी भी चौंक गए।

महमूदनगर बस्ती में चार साल के मासूम को मारने से पहले भी गुलदार ने तीन महीने पहले भी उस पर हमले की कोशिश की थी। लेकिन तब वो सफल नहीं हो पाया था। इसके बाद गुलदार ने घर में खेल रहे पांच बच्चों के बीच से उसी बच्चे को अपना शिकार बनाया।

dehradun

इतिहास में है ये दूसरा मामला

इस मामले के सामने आने के बाद शिकारियों का दावा है कि ये इस तरह की इतिहास में दूसरा मामला है। उन्होंने दावा किया है कि एक शिकार पर दो बार हमला करने की एकमात्र घटना जिम कार्बेट की किताब में दर्ज है।

इसके बाद ऐसा कोई दूसरा मामला नहीं आया है। शिकारियों की टीम में मुरादाबाद के राजीव सोलोमन, मेरठ के सैय्यद अली बिन हादी शामिल हैं। जिसका नेतृत्व हिमाचल प्रदेश के सोलन के रहने वाले आशीष दास गुप्ता कर रहे हैं।

टीम के मेंबर राजीव सोलोमन का दावा है कि टारगेट किलिंग की ऐसी एकमात्र घटना का जिक्र जिम कार्बेट ने अपनी किताब ‘मैन ईटर ऑफ रुद्रप्रयाग’ में किया है। जिसमें गुलदार कई दिनों तक रुद्रप्रयाग की एक महिला का पीछा करता रहा। बाद में रात में परिजनों के साथ सोते समय उसे उठाकर ले गया था।

नौ महीने से आतंक का पर्याय बना है गुलदार

मासूस को अपना शिकार बनाने वाला गुलदार इलाके में पिछले नौ महीने से आतंक का पर्याय बना हुआ है। शिकारियों का कहना है कि आम लोगों की सुरक्षा के लिए गुलदार को मारना बेहद ही जरूरी है। इसके साथ ही उनका कहना है कि जिस प्रकार की परिस्थिति इस गुलदार के मामले में सामने आ रही है उससे साफ है कि वह बेहद आक्रामक है।

तीन महीने पहले जलती लकड़ी फेंक भगाया था गुलदार

गुलदार के पकड़े जाने और मासूम की मौत के बाद टारगेट किलिंग का सच हैरान करने वाला है। मिली जानकारी के मुताबिक चार साल के अहसान को मारने के तीन महीने पहले भी गुलदार ने उस पर हमले की कोशिश की थी।

मासूम की मां ने बताया कि तीन महीने पहले वो पने भाई के साथ बैठकर चूल्हे पर चाय बना रही थीं। तब भी गुलदार ने मासूम पर हमला किया था। तब जलती लकड़ी फेंककर उन्होंने अहसान को बचाया था।

Share This Article
Follow:
योगिता बिष्ट उत्तराखंड की युवा पत्रकार हैं और राजनीतिक और सामाजिक हलचलों पर पैनी नजर रखती हैंं। योगिता को डिजिटल मीडिया में कंटेंट क्रिएशन का खासा अनुभव है।