National : 'घर सपना है, जो कभी न टूटे', बुलडोजर एक्शन मामले में सुप्रीम कोर्ट ने सुनाया फैसला - Khabar Uttarakhand - Latest Uttarakhand News In Hindi, उत्तराखंड समाचार

‘घर सपना है, जो कभी न टूटे’, बुलडोजर एक्शन मामले में सुप्रीम कोर्ट ने सुनाया फैसला

Renu Upreti
3 Min Read
Supreme Court gave its verdict in bulldozer action case

सुप्रीम कोर्ट ने बुलडोजर एक्शन के मामले में बुधवार को अहम फैसला सुनाया है। कोर्ट ने कहा कि यह पूरी तरह से कानून का उल्लंघन है। कोर्ट ने कहा कि किसी का भी घर उसके सपने की तरह होता है। सिर्फ किसी के आरोपी या दोषी होने के आघार पर घर को नहीं गिराया जा सकता है। घर उस व्यक्ति की अंतिम सुरक्षा होता है। कोर्ट ने कहा कि आरोपी के मामले में पूर्वाग्रह में ग्रसित नहीं हो सकते। सरकारी ताकत का बेवदह इस्तेमाल नहीं होना चाहिए। कोई भी अधिकारी मनमाने तरीके से काम नहीं कर सकता है।

घर सपना है, जो कभी न टूटे

सुनवाई के दौरान जस्टिस गवई ने कवि प्रदीप की एक कविता का हवाला दिया और कहा कि घर सपना है, जो कभी न टूटे। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि इस मामले में हमने सभी दलीलों को सुना है। लोकतांत्रिक सिद्धांतों पर विचार किया। न्याय के सिद्धांतों पर विचार किया। इंदिरा गांधी बनाम राजनारायण, जस्टिस पुत्तास्वामी जैसे फैसलों में तय सिद्धांतों पर विचार किया। सरकार की जिम्मेदारी है कि कानून का शासन बना रहे, लेकिन इसके सात ही नागरिक अधिकारों की रक्षा संवैधानिक लोकतंत्र में जरुरी है।

कोर्ट ने गाइडलाइन जारी की

बुलडोजर एक्शन को लेकर कोर्ट ने गाइडलाइन जारी की है। कोर्ट ने कहा कि सबसे पहले बुलडोजर एक्शन को लेकर नोटिस देना होगा। इसके अलावा उसका पक्ष भी सुनना होगा। डाक के जरिए नोटिस भेजना अनिवार्य होगा। नोटिस की जानकारी डीएम को भी देनी होगी। कोर्ट ने यह भी कहा कि अगर प्रक्रिया का पालन नहीं किया गया तो मुआवजा भी देना होगा। कार्रवाई तभी की जा सकती है जब घर पूरी तरह खाली कर दिया गया हो और इसकी वीडियोग्राफी भी की जाएगी।

अवैध तरीके से इमारत गिराने पर देना होगा जुर्माना

कोर्ट ने साफ तरीके से कहा है कि अगर अवैध तरीके से इमारत गिराई जाएगी तो इसके लिए उन्हें हर्जाना भी देना होगा। नोटिस में अधिकारियों को बुलडोजर एक्शन का जिक्र भी करना होगा। किसी भी इमारत को तब गिराया जा सकता है जब अनधिकृत संरचना सार्वजनिक सड़क रेलवे ट्रैक जल निकाय पर हो।

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