Uttarakhand : पिता के 25 साल पुराने स्कूटर से मां को तीर्थयात्रा करा रहा आधुनिक युग का श्रवण कुमार, पहुंचा चारधाम - Khabar Uttarakhand - Latest Uttarakhand News In Hindi, उत्तराखंड समाचार

पिता के 25 साल पुराने स्कूटर से मां को तीर्थयात्रा करा रहा आधुनिक युग का श्रवण कुमार, पहुंचा चारधाम

Sakshi Chhamalwan
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krishn kumar दक्षिणामूर्ति कृष्ण कुमार

हम सभी ने बचपन में श्रवण कुमार की कहानी तो जरूर सुनी होगी। बावजूद इसके बहुत ही कम लोग ऐसे होंगे जो अपने जीवन में इसे उतार पाते हैं। लेकिन कर्नाटक के एक बेटे ने मल्टीनेशनल कंपनी में नौकरी छोड़ मातृ सेवा का बीड़ा उठाया है। कर्नाटक का एक शख्स अपने पिता के 25 साल पुराने स्कूटर में अपनी मां को भारत भ्रमण करा रहा है। बीते दिनों कृष्ण कुमार अपनी मां को लेकर चारधाम यात्रा पर पहुंचे हैं।

char dham yatra 2023

इसलिए लिया मां को भारत भ्रमण कराने का फैसला…

दक्षिणामूर्ति कृष्ण कुमार (44) कर्नाटक के मैसूर के रहने वाले हैं। कृष्ण कुमार पेशे से मल्टीनेशनल कंपनी में कंप्यूटर इंजिनियर के पद पर तैनात थे। साल 2015 में कृष्ण कुमार के पिता का निधन हो गया था। एक दिन उनकी मां चुडा रत्नमा ने कृष्ण से कहा कि उसने आज तक संयुक्त परिवार के साथ रहते हुए और परिवार के लालन- पालन की व्यस्तता के चलते घर से बाहर कोई भी स्थान नहीं देखा है।

ये बात कृष्ण के दिल को छू गई। इस दिन कृष्ण कुमार ने अपनी मां को भारत की सैर और सभी तीर्थों के दर्शन कराने का संकल्प लिया। यात्रा के लिए कृष्ण कुमार ने अपने पिता के 25 साल पुराने स्कूटर को सही करवाकर यात्रा में अपना साथी बनाया। बता दें कृष्ण कुमार ने अपनी मां के साथ यात्रा 16 जनवरी 2018 को शुरू की थी। वर्तमान में वह बुजुर्ग मां को उत्तराखंड के प्रसिद्ध चारधाम के दर्शन कराने के बाद तीर्थनगरी ऋषिकेश लौटे हैं।

char dham yatra 2023

2016 से करा रहे हैं मां को तीर्थस्थलों के दर्शन

दक्षिणामूर्ति कृष्ण कुमार अपनी मां के साथ 2016 से तीर्थों की यात्रा पर निकले हैं। उनके पास स्कूटर के अलावा एक चटकी हुई स्क्रीन का मोबाइल फोन, दो हेलमेट, पानी की दो बोतलें, एक बैग और एक छाता हैं। दक्षिणामूर्ति कृष्ण कुमार अब तक अपने पिता के स्कूटर में अपनी मां के साथ 70 हजार 268 किमी का सफर तय कर चुके हैं।

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चारधाम यात्रा कर पहुंचे मां के साथ ऋषिकेश

दक्षिणामूर्ति कृष्ण कुमार ने अपनी इस यात्रा को ”मातृ सेवा संकल्प यात्रा” का नाम दिया है। इस यात्रा में वह अधिकांश राज्यों के साथ-साथ पडोसी देश नेपाल, भूटान म्यांमार भी जा चुके हैं। कृष्ण कुमार का लक्ष्य अपनी मां को देश और दुनिया का भ्रमण कराना है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक कृष्ण कुमार बताते हैं कि नौकरी के दौरान जमा पूंजी और उसके व्याज से ही उनका खर्च चलता है।

char dham yatra 2023

वह अपनी मां के साथ जिस जगह भी जाते हैं धार्मिक मठ और मंदिरों में ही रुकते हैं। अधिकांश जगह उन्हें निशुल्क भोजन प्राप्त हो जाता है। ऋषिकेश में कृष्ण कुमार अपनी मां के साथ तिरुमला तिरुपति देवस्थानम में ठहरे हुए हैं। ऋषिकेश पहुंचकर उन्होंने अपनी मां को गंगा दर्शन और आसपास के मंदिर के दर्शन भी करवा रहे हैं।

मां की यात्रा के लिए त्यागी नौकरी

कृष्ण कुमार 2016 में बैंगलुरू में एक मल्टीनेशनल कंपनी में कारपोरेट टीम लीडर के पद पर तैनात थे। जब उन्होंने अपनी मां को यात्रा करवाने का फैसला लिया तो अपनी नौकरी त्याग दी। कंप्यूटर इंजीनियर रहे कृष्ण कुमार ने शादी नहीं की है। कृष्ण कुमार के पिता दक्षिणमूर्ति वन विभाग में कार्यरत थे। 2015 में उनका निधन हो गया था।

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Sakshi Chhamalwan उत्तराखंड में डिजिटल मीडिया से जुड़ीं युवा पत्रकार हैं। साक्षी टीवी मीडिया का भी अनुभव रखती हैं। मौजूदा वक्त में साक्षी खबरउत्तराखंड.कॉम के साथ जुड़ी हैं। साक्षी उत्तराखंड की राजनीतिक हलचल के साथ साथ, देश, दुनिया, और धर्म जैसी बीट पर काम करती हैं।