Business : अमरीकी डॉलर के सामने भारतीय रुपए में तेज गिरावट, अब तक के सबसे निचले स्तर पर पहुंचा - Khabar Uttarakhand - Latest Uttarakhand News In Hindi, उत्तराखंड समाचार

अमरीकी डॉलर के सामने भारतीय रुपए में तेज गिरावट, अब तक के सबसे निचले स्तर पर पहुंचा

Renu Upreti
2 Min Read
Sharp decline in Indian Rupee against US Dollar
Sharp decline in Indian Rupee against US Dollar

अमरीकी डॉलर के सामने भारतीय रुपए में तेज गिरावट आई है। एक अमेरिकी डॉलर के मुकाबले भारतीय रुपया रिकॉर्ड निचले स्तर पर आ गया है। गुरुवार को रुपये में अचानक 20 पैसे की तेज गिरावट आई और यह 83.64 के सबसे निचले स्तर पर आ गया है। इससे पहले इसने 83.57 रुपये प्रति डॉलर क स्तर छुआ था। अप्रैल 2024 में रुपये ने सबसे निचला स्तर छुआ।

ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट के मुताबिक अमरीकी डॉलर के मजबूत होने की वजह से रुपये गिरा है। रुपये के सबसे निचले स्तर पर आने के बावजूद ये एशिया में दूसरी सबसे बेस्ट प्रदर्शन करने वाली करंसी है। हांगकांग डॉलर इस लिस्ट में सबसे ऊपर है।

रुपये गिरने से बढ़ सकती है मुश्किलें

बता दें कि अमरीकी डॉलर के मुकाबले रूपये में बड़ी कमजोर से सरकार के साथ आपकी मुश्किलें भी बढ़ सकती हैं। इससे पेट्रोल और डीजल की कीमतें बढ़ती हैं जिसका सीधा असर आपके बजट में होता है। भारत अपनी जरुरत का करीब 80 फीसदी पैट्रोलियम प्रोडक्ट आयात करता है। रुपये में गिरावट से पेट्रोलियम प्रोडक्ट्स का आयात महंगा हो जाएगा।

तेल कंपनियां पेट्रोल- डीजल की घरेलू कीमतों में बढ़ोतरी कर सकती हैं। डीजल के दाम बढ़ने से माल ढुलाई बढ़ जाएगी, जिसके चलते महंगाई में तेजी आ सकती है। इसके अलावा भारत बड़े पैमाने पर खाद्य तेलों और दालों का भी आयात करता है। रुपये के कमजोर होने से घरेलू बाजार में खाद्य तेलों और दालों की कीमतें बढ़ सकती हैं।

डॉलर के मूल्य में एक रुपये की बढ़ोतरी से तेल कंपनियों पर 8,000 करोड़ रुपये का बोझ बढ़ जाता है। इससे उन्हें पेट्रोल और डीजल की कीमतें बढ़ाने पर मजबूर होना पड़ता है। पेट्रोलियम उत्पाद की कीमतों में 10 फीसदी बढ़ोतरी से महंगाई करीब 0.8 फीसदी बढ़ जाती है। इसका सीधा असर अपने खाने-पीने और परिवहन लागत पर पड़ता है।

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