Uttarkashi : द्रौपदी का डांडा के बाद सहस्त्रताल ट्रैक पर दूसरा बड़ा हादसा, 9 की गई जान, पढ़ें कैसे हुई एक-एक कर मौत - Khabar Uttarakhand - Latest Uttarakhand News In Hindi, उत्तराखंड समाचार

द्रौपदी का डांडा के बाद सहस्त्रताल ट्रैक पर दूसरा बड़ा हादसा, 9 की गई जान, पढ़ें कैसे हुई एक-एक कर मौत

Sakshi Chhamalwan
3 Min Read
द्रौपदी का डांडा के बाद सहस्त्रताल ट्रैक पर दूसरा बड़ा हादसा

सहस्त्रताल ट्रैक उत्तरकाशी जिले में स्थित करीब 14500 फीट की ऊंचाई पर है। ट्रैक में आए 22 सदस्यीय दल में से नौ ट्रैकर्स की मौसम ख़राब होने के कारण मौत हो गई। बता दें साल 2022 में हुए निम के द्रौपदी का डांडा हिमस्खलन हादसे के बाद यह दूसरा बड़ा हादसा है। द्रौपदी का डांडा हिमस्खलन में 28 लोगों ने अपनी जान गंवाई थी।

द्रौपदी का डांडा हिमस्खलन में हुई थी 28 ट्रैकर्स की मौत

4 अक्तूबर 2022 को निम (नेहरू पर्वतारोहण संस्थान) संस्थान के 34 प्रशिक्षुओं का दल द्रौपदी का डांडा-2 चोटी आरोहण के दौरान हिमस्खलन की चपेट में आ गया था। जिसमें कुल 28 लोगों की मौत हो गई थी। वहीं दो लोग अब भी लापता चल रहे हैं। इसमें उत्तराखंड के नौसेना में नाविक विनय पंवार और लेफ्टिनेंट कर्नल दीपक वशिष्ट निवासी हिमाचल शामिल थे।

उत्तरकाशी की सविता और नौमी की गई थी जान

एसडीआरएफ की ओर से दोनों की तलाश के लिए विशेष अभियान चलाया गया था। लेकिन दोनों का अभी तक कोई सुराग नहीं मिल। बता दें इस हादसे में उत्तरकाशी जिले की एवरेस्ट विजेता सविता कंसवाल और पर्वतारोही नौमी रावत को खोया था। दोनों प्रशिक्षुओं के दल में बतौर प्रशिक्षक शामिल थी। दोनों की मौत की खबर के बाद से दोनों के परिजन सदमे में थे।\

मौसम खराब होने से सहस्त्रताल ट्रैक पर गई नौ की जान

वहीं 29 मई को 22 सदस्यीय दल उत्तरकाशी के मल्ला-सिल्ला से कुश कुल्याण बुग्याल होते हुए सहस्त्रताल की ट्रैकिंग के लिए निकला था। दो जून को यह दल सहस्त्रताल के कोखली टॉप बेस कैंप पहुंचा। तीन जून को वह सहस्त्रताल के लिए रवाना हुए थे। वहां अचानक मौसम खराब होने और कोहरा होने के कारण ट्रैकर वहीं फंस गए। जिस वजह से सभी को पूरी रात ठंड में बितानी पड़ी। हादसे में नौ ट्रैकर्स की मौत हो गई थी।

SDRF ने किया 13 सदस्यों का रेस्क्यू

गाइड राजेश ने बताया की एक की मौत के बाद अन्य चार ने भी दहशत में दम तोड़ दिया। किसी को कुछ समझ नहीं आया। राजेश ने बताया की घटना के बाद वह करीब 18 किलोमीटर पैदल चलकर आया और उसने ट्रैकिंग एजेंसी और एसोसिएशन को घटना की जानकारी दी। जिसके बाद रेस्क्यू शुरू हुआ। बता दें रेस्क्यू टीम ने 13 सदस्यों का रेस्क्यू किया। जबकि नौ की मौत हो गई।

Share This Article
Sakshi Chhamalwan उत्तराखंड में डिजिटल मीडिया से जुड़ीं युवा पत्रकार हैं। साक्षी टीवी मीडिया का भी अनुभव रखती हैं। मौजूदा वक्त में साक्षी खबरउत्तराखंड.कॉम के साथ जुड़ी हैं। साक्षी उत्तराखंड की राजनीतिक हलचल के साथ साथ, देश, दुनिया, और धर्म जैसी बीट पर काम करती हैं।