Business : सेबी ने Anil Ambani पर लगाया 25 करोड़ रुपये का जुर्माना, मार्केट से किया 5 साल के लिए बैन, धोखाधड़ी का आरोप - Khabar Uttarakhand - Latest Uttarakhand News In Hindi, उत्तराखंड समाचार

सेबी ने Anil Ambani पर लगाया 25 करोड़ रुपये का जुर्माना, मार्केट से किया 5 साल के लिए बैन, धोखाधड़ी का आरोप

Renu Upreti
3 Min Read
SEBI imposed a fine of Rs 25 crore on Anil Ambani, banned him from the market

भारतीय प्रतिभूति और विनियम बोर्ड ने उद्योगपति अनिल अंबानी पर बड़ा एक्शन लिया है। मार्केट रेगुलेटरी ने अनिल अंबानी और रिलायंस होम फाइनेंस के पूर्व प्रमुख अधिकारियों समेत 24 अन्य संस्थाओं को इक्विटी मार्केट से 5 साल के लिए बैन कर दिया है। साथ ही 25 करोड़ रुपये का जुर्माना भी लगाया है। सेबी ने इन पर कंपनी से फंड डायवर्जन के आरोप में बड़ी कार्रवाई की है।

अनिल अंबानी पर 25 करोड़ रुपये का जुर्माना

सेबी ने अनिल अंबानी पर 25 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया है। उन्हें 5 साल के लिए किसी भी लिस्टेड कंपनी या बाजार नियमाक के साथ रजिस्टर्ड किसी भी मध्यस्थ में डायरेक्टर या प्रमुख प्रबंधकीय पसनेल के रुप में सिक्योरिटी मार्केट से जुड़ने पर भी रोक लगा दी है। इसके अलावा, मार्केट रेगुलेटर होम फाइनेंस को सिक्योरिटी मार्केट से छह महीने के लिए बैन कर दिया और उस पर 6 लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया है।

Anil Ambani ने धोखाधड़ी योजना बनाई

दरअसल, अपने 222 पेजों के अंतिम आदेश में सेबी ने पाया कि अनिल अंबानी ने रिलायंस होन फाइनेंस लिमिटेड के प्रमुख मैनेजमेंट की मदद से, RHFL से फंड निकालने के लिए एक धोखाधड़ी योजना बनाई थी, जिसमें उसे अपने से जुड़ी संस्थाओं को लोन के रुप में दिखाया गया था। हालांकि RHFL के डायरेक्टर बोर्ड ने इस तरह के लोन देने की प्रथाओं को रोकने के लिए कड़े निर्देश जारी किए थे। कॉपोर्रेट लोन की नियमित समीक्षा थी, लेकिन कंपनी के मैनेजमेंट ने इन आदेशों की अनदेखी थी।

सेबी ने अपनी रिपोर्ट में क्या कहा?

सेबी ने अपनी रिपोर्ट में कहा कि अनिल अंबानी और कंपनी मैनेजमेंट की ओर से धोखाधड़ी की योजना बनाई गई थी। आरएओचएफएल के केएमपी द्वारका फंड की हेराफेरी की गई है और इस फंड का अयोग्य उधारकर्ताओं को लोन के रुप में दिया गया, जबकि प्रमोटर से जुड़ी संस्थाओं के तौर पर दिखाया गया। अनिल अंबानी ने धोखाधड़ी को अंजाम देने के लिए ADM ग्रुप क चेयरमैन के रुप में अपने पद और आरएचएफएल की होल्डिंग कंपनी में अपनी महत्तवपूर्ण इनडायरेक्ट हिस्सेदारी का इस्तेमाल किया।

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