नई दिल्ली: दिल्ली-एनसीआर में प्रदूषण पर पर सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र समेत राज्य सरकारों को फटकार लगाते हुए कहा कि इन हालातों में कैसे जिया जा सकता है। सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र और दिल्ली सरकार से पूछा कि आखिर आप हवा को बेहतर करने के लिए क्या कर रहे हैं? इसके अलावा कोर्ट ने हरियाणा और पंजाब सरकार से भी पूछा कि आप पराली जलाने में कमी लाने के लिए क्या कर रहे हैं। कोर्ट ने कहा, इस तरीके से नहीं जिया जा सकता। शहर में कोई कमरा, कोई घर सेफ नहीं है। हम इस प्रदूषण के चलते जिंदगी के कीमती साल गंवा रहे हैं।
सुप्रीम कोर्ट ने माना कि दिल्ली में कोई भी जगह सुरक्षित नहीं है। चाहे वह किसी का घर ही क्यों न हो। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि शहर का दम घुट रहा है लेकिन दिल्ली सरकार और केंद्र आरोप-प्रत्यारोप में उलझे हैं। सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि दिल्ली हर साल घुटती जा रही है, लेकिन हम कुछ नहीं कर पा रहे। ऐसा हर साल 10-15 दिनों के लिए होने लगा है। ऐसा किसी सभ्य देश में नहीं होता। जीने का हक सबसे जरूरी है। सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार ने आधे घंटे के अंदर आईआईटी दिल्ली से किसी पर्यावरण एक्सपर्ट और मंत्रालय से किसी को बुलाने को कहा। केंद्र को कहा है कि वह उनसे आधे घंटे के अंदर समाधान पूछे, जिससे इस स्थिति से निपटा जा सके।