देहरादून : एक आरटीआई में बड़ा खुलासा हुआ है। बता दें कि सामाजिक कार्यकर्ता ने सूचना के अधिकार के तहत पूछा ता कि मीटर की डिस्प्ले लाइट का लोड़ कितना है और इस पर बिजली कितनी खर्च होती है? आप यकीन नहीं करेंगे इस सवाल पर ऊर्जा निगम ने अपनी गलती मानी और कहा कि इसकी जानकारी खुद ऊर्जा निगम को नहीं है। आपको जानकारी के लिए बता दें कि आपके घर के बाहर लगे बिजली के मीटर की डिस्प्ले लाइट का खर्च भी ऊर्जा निगम आप ही से वसूलता है। लेकिन उत्तराखंड पावर कारपोरेशन लिमिटेड को इसकी जानकारी नहीं है कि मीटर की डिस्प्ले लाइट का लोड़ कितना है और इस पर बिजली कितनी खर्च होती है?
उत्तराखंड पावर कारपोरेशन लिमिटेड ने मानी अपनी बड़ी गलती
वहीं आरटीआई में ये जानकारी मांगने पर उत्तराखंड पावर कारपोरेशन लिमिटेड ने अपनी बड़ी गलती को माना। आपने भी देखा होगा कि उत्तराखंड में लंबे समय से बिजली का मीटर घर के बजाय खंभे पर लटकाने की व्यवस्था है। आपने देखा हो गा कि इस मीटर के डिस्प्ले की लाइट हर टाइम जलती है। आम जनता सोचती है कि इसका या तो बिल नहीं आता या तो निगम खुद इसका भुगतान करता है लेकिन आपको बता दें कि इस बिजली का खर्च यूपीसीएल खुद नहीं बल्कि आम जनता से वसूलता है। ये जानकारी आरटीआई के तहत मिली है।
आरटीआई में बड़ा खुलासा
आपको बता दें कि सामाजिक कार्यकर्ता वीरु बिष्ट ने सूचना के अधिकार में पूछा कि डिस्प्ले लाइट का लोड कितना है और इस पर बिजली खर्च कितना बढ़ता है? पहले तो उन्हें जानकारी नहीं दी गई। बाद में मामला जब अपील में गया तो अधिकारियों ने जानकारी दी कि उनके पास इस तरह की जानकारी नहीं है और इसलिए वो जानकारी नहीं दे सकते। इस मामले में वीरु बिष्ट ने कहा कि ये उपभोक्ताओं के साथ धोखा है क्योंकि डिस्प्ले पर खर्च बिजली का भार यूपीसीएल को खुद उठाना चाहिए ना की जनता से वसूलना चाहिए। जानकारी मिली है कि उत्तराखंड में कुल 25 लाख बिजली उपभोक्ता हैं तो आप अंदाजा लगा सकते हैं कि इस हिसाब के ऊर्जा निगम कितना बिजली खर्च लोगों से वसूल रहा है।