Big News : सेवानिवृत हो रहे डीजीपी अशोक कुमार, साल 2020 में संभाली थी कमान - Khabar Uttarakhand - Latest Uttarakhand News In Hindi, उत्तराखंड समाचार

सेवानिवृत हो रहे डीजीपी अशोक कुमार, साल 2020 में संभाली थी कमान

Yogita Bisht
3 Min Read
ASHOK KUMAR

1989 बैच के आईपीएस अधिकारी अशोक कुमार उत्तराखंड डीजीपी के पद से 30 नवंबर को सेवानिवृत हो रहे हैं। उन्होंने बताया कि प्रदेश में साइबर क्राइम ड्रग्स के मामले लगातार बढ़ रहे हैं। जिन्हें रोकने की सख्त जरूरत है।

सेवानिवृत हो रहे डीजीपी अशोक कुमार

1989 बैच के आईपीएस अधिकारी अशोक कुमार उत्तराखंड डीजीपी के पद से सेवानिवृत हो रहे हैं। जिस वक्त सम्पूर्ण देश कोरोना महामारी से जूझ रहा था उस वक्त 2020 में आईपीएस अशोक कुमार ने बतौर उत्तराखंड डीजीपी की कमान संभाली थी। डीजीपी की कमान संभालने के बाद अशोक कुमार ने प्रदेश में बिगड़ती कानून व्यवस्था को पटरी पर लाने के लिए कई बेहतरीन प्रयास किए।

साढे 34 साल की पुलिस सेवा

इसके साथ ही कोरोना काल में विकट परिस्थितियों जूझते हुए बेहतरीन पुलिसिंग की, हरिद्वार में महाकुंभ को सकुशलता से निपटना और करोड़ों की तादाद में कांवड़ यात्रा को सकुशल संपन्न करवाने सहित चार धाम यात्रा में भी बेहतरीन कार्य करना अशोक कुमार के बतौर डीजीपी कार्यकाल में शुमार है।

इसके साथ ही ऑपरेशन स्माइल, ऑपरेशन प्रहार, ऑपरेशन मर्यादा ड्रग्स फ्री देवभूमि सहित कई अभियानों में डीजीपी अशोक कुमार के नेतृत्व में पुलिस ने कामयाबी हासिल की। डीजीपी अशोक कुमार ने बताया कि पुलिस की नौकरी हर दिन नए अनुभव के साथ होती है।

जनता को पुलिस के नजदीक लाने का किया काम

डीजीपी अशोक कुमार ने कहा कि हरिद्वार में बढ़ता हुआ क्राइम हो या फिर उत्तराखंड आंदोलन उन्होंने उस दौर में भी कार्य किया इसके साथ ही उत्तर प्रदेश के कई ऐसे जिले जहां पर की क्राइम का ग्राफ लगातार ऊपर था हर प्रकार की चुनौतियों को उन्होंने पार किया।

अपने सेवा काल को लेकर डीजीपी अशोक कुमार ने बताया कि उन्होंने जनता को पुलिस के नजदीक लाने का काम किया और खाकी पर विश्वास रखने के लिए लगातार प्रयास किया ताकि पुलिस की छवि लोगों के मन में बेहद सौम्या और मित्र पुलिस की तरह रहे ।

प्रदेश में लगातार बढ़ रहे साइबर क्राइम व ड्रग्स के मामले

डीजीपी अशोक कुमार ने कहा कि बदमाशों के लिए बहुत ही कड़े थे। उन्होंने अपने आगे के जीवन को लेकर बताया कि वो लेखन और खेल में रुचि रखते हैं। उन्होंने कहा कि आगे भी वो इस क्षेत्र में कार्य करेंगे। इसके साथ ही उन्होंने बताया कि उन्होंने खाकी में इंसान पुस्तक के जरिए पुलिस के दर्द को उकेरा है। हालांकि उन्होंने कहा कि उत्तराखंड में अभी भी साइबर क्राइम और ड्रग्स के मामले लगातार बढ़ रहे हैं जिनको की रोका जाना चाहिए।

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योगिता बिष्ट उत्तराखंड की युवा पत्रकार हैं और राजनीतिक और सामाजिक हलचलों पर पैनी नजर रखती हैंं। योगिता को डिजिटल मीडिया में कंटेंट क्रिएशन का खासा अनुभव है।