Big News : उत्तराखंड में नहीं टूटेंगे 1980 से पहले बने धार्मिक स्थल, वन विभाग की सूची में कई बड़े मंदिर भी शामिल - Khabar Uttarakhand - Latest Uttarakhand News In Hindi, उत्तराखंड समाचार

उत्तराखंड में नहीं टूटेंगे 1980 से पहले बने धार्मिक स्थल, वन विभाग की सूची में कई बड़े मंदिर भी शामिल

Yogita Bisht
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प्रदेश में हो रहे धार्मिक अतिक्रमण को लेकर सरकार सख्त हो गई है। इस मामले में सीएम धामी के निर्देश के बाद वन विभाग ने काम में और तेजी लाई है। लेकिन अब इस मामले में नया मोड़ आया है। वन विभाग ने धार्मिक अतिक्रमण को लेकर बड़ा फैसला किया है।

नहीं टूटेंगे 1980 से पहले बने धार्मिक स्थल

वन विभाग ने धार्मिक अतिक्रमण को लेकर बड़ा फैसला लिया है। विभाग ने आरक्षित वन क्षेत्रों में 1980 से पहले बने धार्मिक स्थलों को न तोड़ने का फैसला किया है। इसके बाद हुए अतिक्रमण को हटाया जाएगा।  

शुक्रवार को हुई बैठक में इस बात पर सहमति बनी। इस मामले में नोडल अधिकारी का कहना है कि पहले चरण में अतिक्रमण कर नए बने धार्मिक स्थलों को हटाया जाएगा।

अधिकांश मंदिर 1980 से पहले के हैं बने

वन विभाग द्वारा राजाजी व टाइगर रिजर्व, गंगोत्री व नंदादेवी बायोस्पेयर पार्क समेत प्रदेश के तमाम आरक्षित वन क्षेत्रों में अवैध तरीके से बने धार्मिक स्थलों की जो सूची बनाई गई है।

इस सूची में सामने आया है कि इन क्षेत्रों में ज्यादातर मंदिर 1980 से पहले के बने हैं। इस सूची में प्रसिद्ध मनसा देवी मंदिर भी शामिल है। मनसा देवी मंदिर 1903 में और अन्य मंदिर साल 1983 में राजाजी राष्ट्रीय पार्क बनने से पहले से ही बने हुए हैं।

इस तरह के स्थलों की तीन दिन में रिपोर्ट तलब

राजाजी टाइगर रिजर्व की बात करें तो वहां पर चीला रेंज में चीला नहर के पास की मजार, गौहरी रेंज की कुनाऊं बीट में कब्रिस्तान, मोतीचूर रेेंज के चीला-मोतीचूर कॉरीडोर बीट की मजार के साथ ही कई अन्य मजारें हैं जो कि राजाजी राष्ट्रीय पार्क बनने से पहले से ही वहां पर बनी हुई हैं। मिली जानकारी के मुताबिक इस तरह के स्थलों की रिपोर्ट तीन दिन के भीतर तलब की गई है।

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योगिता बिष्ट उत्तराखंड की युवा पत्रकार हैं और राजनीतिक और सामाजिक हलचलों पर पैनी नजर रखती हैंं। योगिता को डिजिटल मीडिया में कंटेंट क्रिएशन का खासा अनुभव है।