Big News : पढ़िए INSIDE STORY: अटल के दूत, खंडूरी के खास, क्यों तीरथ ने शत्रुघ्न को रखा अपने पास? - Khabar Uttarakhand - Latest Uttarakhand News In Hindi, उत्तराखंड समाचार

पढ़िए INSIDE STORY: अटल के दूत, खंडूरी के खास, क्यों तीरथ ने शत्रुघ्न को रखा अपने पास?

Reporter Khabar Uttarakhand
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ias as chief advisor of cm tirath singh rawat

ias as chief advisor of cm tirath singh rawat

 

आशीष तिवारी। उत्तराखंड के पूर्व मुख्य सचिव और निवर्तमान मुख्य सूचना आयुक्त रिटायर्ड आईएएस शत्रुघ्न सिंह को मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत का मुख्य सलाहकार बनाया गया है। उन्होंने कल ही मुख्य सूचना आयुक्त के पद से इस्तीफा दिया है। इसके बाद आज ही उनके मुख्यमंत्री के मुख्य सलाहकार के रूप में नियुक्ति कर दी गई है।

यहां ये समझना बेहद जरूरी है कि मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत के जरिए मुख्य सलाहकार के पद पर शत्रुघ्न सिंह की तैनाती के पीछे क्या वजह हो सकती है। इससे ठीक पहले के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत अपने सलाहकारों की वजह से ही डूबे। कुर्सी संभालते ही त्रिवेंद्र सिंह रावत अपने सलाहकारों की गतिविधियों को लेकर विपक्ष के निशाने पर आ गए थे। फिर त्रिवेंद्र ने अपने राजनीतिक करीबियों को अपने सलाहकारों के तौर पर रखा भी था। लेकिन मौजूदा मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत फिलहाल इस मामले में फूंक फूंक कर कदम रख रहें हैं और यही वजह है कि उन्होंने कुर्सी संभालने के तकरीबन दो महीने बाद शत्रुघ्न सिंह को अपना मुख्य सलाहकार बनाकर सबको चौंका दिया है।

क्यों खास है शत्रुघ्न सिंह की नियुक्ति

मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत के मुख्य सलाहकार के तौर पर पूर्व ब्यूरोक्रेट शत्रुघ्न सिंह की नियुक्ति बेहद अहम हो सकती है। ये समझने के लिए आपको फ्लैश बैक में जाना होगा। शत्रुघ्न सिंह 2002 में उस समय बेहद चर्चित हो गए जब देश के पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी बाजपेयी ने उन्हें अपना विशेष दूत बनाकर अयोध्या भेजा। दरअसल 2002 में विश्व हिंदू परिषद मूर्ति स्थापना की जिद पर अड़ गया। बात बिगड़ने लगी। हालात गंभीर होते देख अटर बिहारी वाजपेयी ने शत्रुघ्न सिंह को अपना दूत बनाकर विशेष विमान से अयोध्या भेजा। एक हफ्ते तक शत्रुघ्न सिंह वहीं रहे और अंत में विवाद खत्म कराके लौटे।

एक और अहम पक्ष भी है। मौजूदा मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री जनरल बीसी खंडूरी को अपना राजनीतिक गुरु मानते हैं। मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने के बाद सबसे पहले वो उन्हीं से मिलने गए। तीरथ सिंह रावत के आसपास जिन अफसरों को अहम जिम्मेदारी सौंपी गई है वो बीसी खंडूरी के कार्यकाल में भी अहम पद संभालते रहें हैं। अरुणेंद्र चौहान इसका उदाहरण हैं। अब शत्रुघ्न सिंह की मुख्य सलाहकार के तौर पर तैनाती भी इसी क्रम का दूसरा उदाहरण है। दरअसल शत्रुघ्न सिंह, बीसी खंडूरी के मुख्यमंत्री रहते हुए उनके प्रमुख सचिव हुआ करते थे।

 

शत्रुघ्न सिंह को मुख्य सलाहकार बनाने के पीछे मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत की एक और मंशा हो सकती है। वो है अफसरशाही के क्रियाकलापों पर पैनी नजर रखना। दरअसल शत्रुघ्न सिंह को ब्यूरोक्रेसी का बहुत लंबा अनुभव है। वो यूपी में भी मुख्य सचिव के स्टाफ ऑफिसर रह चुके हैं। कई जिलों के कमिश्नर रह चुके हैं। केंद्रीय कैबिनेट सचिवालय में पांच साल तक रह चुके हैं। केंद्र में कई विभागों को देख चुके हैं। प्रधानमंत्री के संयुक्त सचिव और अपर सचिव जैसे पदों को संभाल चुके हैं। ऐसे में जाहिर है कि शत्रुघ्न सिंह की आंखों से मौजूदा ब्यूरोक्रेसी की किसी भी गतिविधि का बच पाना मुश्किल है। माना जा रहा है कि शत्रुघ्न सिंह को कमान सौंप कर मुख्यमंत्री ने अपने कंधे का बड़ा भार शिफ्ट कर दिया है।

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