भारत के लोगों के दिलों में राज करने वाले रतन टाटा (Ratan Tata)अब इस दुनिया में नहीं रहे। 86 साल की उम्र में उन्होंने दुनिया को अलविदा कह दिया। रतन टाटा केवल उद्योगपति के रूप में ही नहीं बल्कि अपने दयालु स्वभाव, दानवीरता और दरियादिली के लिए भी जाने जाते थे। साल 1991 से लेकर 2012 तक टाटा ग्रुप की कमान संभालने वाले रतन टाटा ने इसे नई उंचाईयों तक पहुंचाया है। अरबपति होने के बावजूद वो काफी सादगी भरा जीवन जीते थे। उनका नाम उद्योग जगत के इतिहास में सदैव ही सुनहरे अक्षरों में लिखा जाएगा।
Ratan Tata के जीवन से जुड़ी कुछ बातें
दिग्गज उद्योगपति रतन टाटा को भारतीय उद्योग का पितामह कहा जाता है। उनका सरल व्यक्तित्व एवं उद्योग में उनका योगदान भूला नहीं जा सकता है। आने वाली पीढ़ी के लिए वो हमेशा प्रेरणादायक रहेंगे। ऐसे में दिग्गज दयालु स्वभाव वाले रतन टाटा के जीवन से जुड़ी कुछ बातों को जान लेते है।

रतन टाटा को जानवरों से था प्यार (Ratan tata love for Dogs)
रतन टाटा को जानवरों से बहुत प्रेम था। कुत्तों को वो परिवार का हिस्सा मानते थे। उन्होंने 11 साल पहले एक स्ट्रीट डॉग को एडॉप्ट भी किया था। जिसका नाम उन्होंने गोवा रखा था। गोवा से वो काफी प्रेम करते थे। उनका पसंदीदी डॉग गोवा बॉम्बे हाउस में उनके साथ ही रहता था। उनके निधन के बाद गोवा उन्हें श्रद्धांजलि देने भी आया था।
रतन टाटा को जीवन भर कई पालतू जानवरों, घायल व आवारा कुत्तों की मदद करते हुए देखा गया है। सोशल मीडिया पर भी वो लोगों से जानवरों को एडॉप्ट करने की अपील करते थे। कुत्तों के प्रति प्रेम के कारण ही वो और शांतनू नायडू के बीच गहरी दोस्ती हुई थी।

कुत्तों के प्रति उनका प्यार नापा नहीं जा सकता। एक बार उनका कुत्ता काफी बीमार था। ऐसे में कुत्ते के पास रहने के लिए रतन टाटा ने एक रॉयल अवॉर्ड सेरेमनी में जाने से मना कर दिया था। बकिंघम पैलेस में साल 2018 में टाटा को उनके उत्कृष्ट परोपकारी प्रयासों के लिए लाइफटाइम अचीवमेंट पुरस्कार से नवाजा जाना था। लेकिन उनका कुत्ता काफी बिमार था। जिसके चलते वो शाही समारोह में शामिल नहीं हुए।
इसके अलावा उन्होंने मुंबई में कुत्तों के लिए नई मशीनों से लेस एक अस्पताल भी बनवाया। इस अस्पताल में करीब 200 कुत्तों का इलाज किया जा सकता है। इसको बनाने में करीब 165 करोड़ का खर्चा आया था।
सबसे सस्ती कार टाटा नैनो को किया लॉन्च (Tata Nano Launch)
रतन टाटा के नेतृत्व में टाटा ग्रुप ने केवल बड़ी गाड़ियों का ही निर्माण नहीं किया, बल्कि छोटी कारों को भी लॉन्च किया। 90 के दशक में भारत के दिग्गज उद्योगपति रतन टाटा (Ratan Tata) के नेतृत्व में टाटा मोटर्स ने अपनी पहली कार टाटा इंडिका(Tata Indica) को लॉन्च किया था। ये पूरी तरह से एक स्वदेशी कार थी।

इसके बाद साल 2008 में उन्होंने एक नई पहल के चलते टाटा नैनो को लॉन्च किया। रतन ने इस गाड़ी को मध्यम वर्ग के लोगों के लिए लॉन्च किया था जो कार खरीदने का सपना देखते है। उसी सपने को साकार करने के लिए उन्होंने ये पहल की। टाटा नैनो ने भारतीय ऑटोमोबाइल के सेक्टर में एक नया बेन्चमार्क स्थापित किया। इस कार की कीमत करीब एक लाख रूपए थी। ये दुनिया की सबसे सस्ती कार है।
फोर्ड मोटर्स को निकाला संकट से
1998 में रतन टाटा ने टाटा इंडिका (Tata Indica) लॉन्च की थी। बड़ी ही उम्मीद से ये कार लॉन्च की गई थी। लेकिन बार-बार खराबी आने की वजह से उन्होंने नुकसान में चल रहे टाटा मोटर्स के पैसेंजर कार डिवीजन को बेचने का फैसला लिया। रतन टाटा ने इसी सिलसिले में अमेरिका की कार निर्माता कंपनी फोर्ड मोटर्स (Ford Motors) से बातचीत की।
हालांकि मीटिंग में रतन टाटा का फोर्ड मोटर्स के चेयरमैन बिल फोर्ड (Bill Ford) ने अपमान किया। उन्होंने कहा कि, “तुम्हें कार बिजनेस की समझ नहीं है, फिर भी इसे क्यों शुरू किया? अगर मैं इसे खरीदूंगा तो यह तुम्हारे ऊपर एक बड़ा एहसान होगा।”

ये बात उन्हे चुभ गई। अमेरिका से मुंबई आने के बाद उन्होंने टाटा मोटर्स के पैसेंजर कार डिवीजन को बेचने का फैसला बदल दिया। साल 2008 तक टाटा मोटर्स ने दुनिया भर में नाम कमा लिया था। जहां एक तरफ टाटा मोटर्स नई ऊंचाइयों को छू रहा था। तो वहीं दूसरी तरफ बिल फोर्ड की फोर्ड मोटर्स को भारी नुकसान हो रहा था। फोर्ड की स्थिति काफी खराब हो गई थी। तब रतन टाटा ने इसकी लोकप्रिय कार ब्रांड्स जैगुआर (Jaguar) और लैंड रोवर (Land Rover) खरीदने का प्रस्ताव रखा। आज टाटा मोटर्स के सबसे सक्सेसफुल ब्रांड्स की लिस्ट में जैगुआर और लैंड रोवर भी शामिल है।
चार बार हुआ था प्यार (Ratan Tata Love Life)
सरल स्वभाव वाले रतन टाटा की लव लाइफ के बारे में बात करे तो उन्होंने कभी शादी नहीं की। लेकिन इसका मतलब ये नहीं है कि उन्हें कभी प्यार नहीं हुआ। चार बार उनके जीवन में प्यार (Ratan Tata Love Story) ने दस्तक दी थी। इस बात का खुलासा खुद रतन टाटा ने एक इंटरव्यू में किया था।

इंटरव्यू में उन्होंने बताया कि उनका प्यार शादी में तब्दिल नहीं हो पाया। उन्होंने साथ ही ये भी कहा कि कभी ना शादी करने वाला उनका ये फैसला ठीक भी साबित हुआ। अगर वो शादी कर लेते तो स्थिति काफी मुश्किल हो जाती। उन्होंने इंटरव्यू में आगे कहा कि वो चार बार शादी के लिए तैयार हुए। लेकिन हर बार किसी ना किसी डर से उन्होंने अपने कदम पीछे हटा लिए। जिसके बाद उन्होंने शादी के बारे में कभी नहीं सोचा और अपना पूरा ध्यान टाटा ग्रुप पर लगा दिया।
अमेरिका में भी हुआ था प्यार
अपने जवानी के दिनों को याद करते हुए उन्होंने कहा कि जब वो अमेरिका में काम करते थे तो उन्हें एक लड़की से प्यार हो गया था। वो उस समय काफी ज्यादा सीरियस हो गए थे। लेकिन शादी वो केवल इसलिए नहीं कर पाए क्योंकि उन्हें भारत वापस लौटना पड़ा।उनकी लवर भारत नहीं आना चाहती है। साथ ही उस दौरान भारत-चीन के बीच जंग भी जारी थी। जिसके बाद उनकी प्रेमिका ने अमेरिका में ही किसी से शादी कर ली।