Dehradun : कोई है जो देहरादून की टूटी सड़कें और उठे मेनहोल के ढक्कन सही करवा सके? - Khabar Uttarakhand - Latest Uttarakhand News In Hindi, उत्तराखंड समाचार

कोई है जो देहरादून की टूटी सड़कें और उठे मेनहोल के ढक्कन सही करवा सके?

Reporter Khabar Uttarakhand
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roads of dehradun
द्रोण होटल के सामने की रोड का हाल
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इनामुल्ला बिल्डिंग के पास की एक टूटी सड़क

उत्तराखंड की राजधानी देहरादून की पहचान अब खुशनुमां आबोहवा के लिए नहीं बल्कि धूल भरी टूटी सड़कों से होने लगी है। जिधर भी निकल जाइए आपको सड़क इंजीनियरिंग का ऐसा नमूना मिलेगा कि आप की हड्डियों के टूटने और अस्पताल तक पहुंचने का समय बेहद कम कर देगा।

देहरादून में हर साल लाखों पर्यटक आते हैं। ऐसे में उनका सबसे पहले सामना रेलवे स्टेशन की सामने की सड़क से ही होता है। रेलवे स्टेशन परिसर में पिछले कई सालों से कंक्रीट की सड़क है और उसमें बड़े बड़े गड्ढे हो गए हैं। हालांकि ये सड़क रेलवे के अधीन है लिहाजा स्थानीय प्रशासन का इसपर कोई बस नहीं है लेकिन जैसे ही आप रेलवे स्टेशन से बाहर आएंगे वैसे ही पर्यटक अपनी कमर पकड़ लेंगे क्योंकि वो देहरादून में हैं। रेलवे स्टेशन से निकलकर आप चाहें प्रिंस चौक की तरफ जाएं या सहारनपुर चौक की तरफ, आपको दोनों ही तरफ टूटी सड़कों का विकास दिखेगा।

सहारनपुर चौक का तो हाल पूछिए मत। एक तो ये बेहद व्यस्त और संकरा चौक उसपर आसपास की दुकानों का अतिक्रमण और उनके सामने लगने वाले वाहनों की पार्किंग के चलते ये चौक हमेशा से बॉटल नेक रहा है। और अब अधिकारियों की मेहरबानी से यहां सड़क महीनों से टूटी है। लोग जान हथेली पर लेकर यहां से गुजरते हैं। हालात ये हैं कि शिवाजी धर्मशाला तक पहुंचने में लोगों को अपना टर्म इंश्योरेंस का क्लेम लेने के बारे में सोचना शुरु करना पड़ता है।

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द्रोण होटल के सामने की रोड का हाल

सहारनपुर चौक से भंडारी बाग के कट से होते हुए आप लाल पुल तक चले आइए। लेकिन आपको कहीं भी समतल सड़क नहीं मिलेगी। कहीं पैच को कहीं गड्ढे और कहीं उखड़ी सड़कें आपके स्वागत के लिए तैयार की गईं हैं। ये सड़क मंडी होते हुए शिमला बाईपास तक पहुंचती है और कमोबेश सभी जगहों पर यही हाल है। यहां ये याद दिला दें कि त्रिवेंद्र सिंह रावत के मुख्यमंत्रित्व काल में शहरी विकास मंत्री रहे मदन कौशिक इस रोड को मॉडल रोड बनवा रहे थे।

अब जब सहारनपुर चौक पर पहुंचे ही हैं तो जरा झंडा बाजार की ओर भी बढ़िए। हालात ये हैं कि ठीक चौक पर महीनों से एक गड्ढा बना हुआ है लेकिन अफसरों को नहीं दिख रहा है।

प्रिंस चौक के इर्द गिर्द महीनों से काम चल रहा है। सड़कों पर या तो पैच से काम चलाया जा रहा है या फिर उनमें सिमेंटेंड टाइलें बिछाकर खानापूर्ति कर दी गई है। अब अधिकारी चूंकि कारों में बैठकर निकलते हैं तो हो सकता है उन्हें इन सिमेंटेंड टाइलों की सड़कों पर लगने वाले झटके न महसूस होते हों लेकिन स्कूटी और ऑटो से चलने वाले देहरादून के नागरिक अपनी आंतों तक ये झटके महसूस करते हैं।

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इनामुल्ला बिल्डिंग से लेकर तहसील चौक और घंटाघर से राजपुर रोड तक की सड़कों का हाल ये है कि कब सड़क पर गड्ढा आ जाएगा या फिर सड़क के बीच उठा हुआ मेनहोल या वायर डक्ट का ढक्कन आ जाएगा किसी को नहीं पता। हालांकि अफसर बता रहें हैं कि देहरादून का राजपुर रोड का इलाका स्मार्ट सिटी बनाया जा रहा है।

सीएम आवास की रोड चकाचक

भले ही देहरादून के लोगों के लिए अफसर सड़के न बनवा पा रहें हैं लेकिन सीएम आवास जाने वाली सड़क को हमेशा चकाचक रखते हैं। हालात ये हैं कि आपको सीएम आवास जाने वाली रोड पर एक छोटा सा जर्क भी महसूस नहीं होगा। हालांकि अधिकारियों के लिए शहर के अन्य नागरिक शायद दोएम दर्जे के हैं इसीलिए महीनों तक उन्हें टूटी सड़कों पर छोड़ दिया जाता है।

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