Chamoli : बारिश ने बढ़ाई हल्दापानी की मुश्किलें, नहीं सो पा रहे लोग, भूस्खलन से कभी भी गिर सकते हैं मकान  - Khabar Uttarakhand - Latest Uttarakhand News In Hindi, उत्तराखंड समाचार

बारिश ने बढ़ाई हल्दापानी की मुश्किलें, नहीं सो पा रहे लोग, भूस्खलन से कभी भी गिर सकते हैं मकान 

Yogita Bisht
3 Min Read
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उत्तराखंड में पिछले दो दिनों से मौसम का मिजाज बदला हुआ है । प्रदेश भर में बारिश से ठंड फिर लौट आई है । जहां कई इलाकों में लोग बारिश का लुत्फ उठा रहे है तो वही चमोली जिले के हल्दापानी के लोगों के लिए बारिश ने जीना मुहाल कर दिया है । दरसअल चमोली जिले के हल्दापानी क्षेत्र मे बारिश के कारण लोगों को भूस्खलन का डर सता रहा है । आपदा प्रभावित लोग इस डर का अधिक सामना कर रहे हैं । पूरी रात जागकर उन्हें काटनी पड़ रही है । लोगों का कहना है कि शासन-प्रशासन की ओर से भूस्खलन के ट्रीटमेंट पर कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा है । यहां भूस्खलन बढ़ता ही जा रहा है।

ट्रीटमेंट के लिए दिए हैं 30 करोड़ लेकिन नहीं हुई कार्रवाई  

हल्दापानी के विकासनगर मोहल्ले में लगातार भूस्खलन की समस्या से जूझने के कारण बीते साल 30 नवंबर को 30 करोड़ की धनराशि दी गई लेकिन अभी तक कोई काम शूरू नहीं किया गया । वहां रह रहे लोगों का कहना है कि अधिकारी कई बार भूस्खलन क्षेत्र का दौरा कर चुके हैं, लेकिन अभी भी यहां सुधारीकरण के लिए कार्य शुरू नहीं हुआ है । 

 

आपदा प्रभावित है परेशान कहा मकान नहीं है रहने लायक 

हल्दापानी मे रह रहे आपदा प्रभावितों का कहना है कि लगातार भूस्खलन होने से कई मकान रहने लायक नहीं हैं। प्रशासन की ओर से क्षति का मुआवजा भी नहीं दिया है। लोगों का कहना है कि अपनी जिंदगीभर की मेहनत की कमाई से मकान बनाया। लेकिन अब जब मकान खतरे की जद में आ गया है तोप्रशासन कह रहा है मकान छोड़कर किराये के घरों में जाओ, लेकिन घर का सामान कहां ले जाएं । हम काफी परेशान है । 

70 भवन है भूस्खलन की जद में  

हल्दापानी में हे रहे भूस्खलन के कारण 70 मकानों को खतरे की जद में है । कई मकानों में बड़ी-बड़ी दरारें पड़ी हैं। हालांकि मीडिया रिपोर्टस की जानकारी के अनुसार सिंचाई विभाग के अधीक्षण अभियंता सुधीर कुमार ने बतया कि बीते 28 दिसंबर को भूस्खलन के सुधारीकरण के लिए टेंडर प्रक्रिया शुरू की गई, लेकिन चार में से तीन ठेकेदारों के अधूरे आवेदन के चलते वे निरस्त हो गए। एक ठेकेदार का आवेदन सही पाए जाने पर विभाग ने उसे शासन को भेज दिया है, शासन से निर्देश प्राप्त होने के बाद ही भूस्खलन का सुधारीकरण कार्य शुरू किया जाएगा।

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योगिता बिष्ट उत्तराखंड की युवा पत्रकार हैं और राजनीतिक और सामाजिक हलचलों पर पैनी नजर रखती हैंं। योगिता को डिजिटल मीडिया में कंटेंट क्रिएशन का खासा अनुभव है।