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उत्तराखंड में यहां मिली प्रागैतिहासिक कालीन रॉक पेंटिंग, लखुउडियार गुफा की तरह ही उकेरे गए हैं चित्र

Yogita Bisht
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प्रागैतिहासिक कालीन रॉक पेंटिंग (बेरीनाग)

उत्तराखंड में अल्मोड़ा में लखुउडियार गुफा में मिली प्रागैतिहासिक कालीन रॉक पेंटिंग की तरह ही पिथौरागढ़ जिले के बेरीनाग में भी गुफाचित्र मिले हैं। बेरीनाग की गुफा में अल्मोड़ा के लखुउडियार गुफा की तरह ही चट्टानों पर चित्र उकेरे गए हैं।

बेरीनाग में मिले प्रागैतिहासिक कालीन शैल चित्र

पिथौरागढ़ के बेरीनाग में पुरातत्व एवं साहसिक पर्यटन के क्षेत्र में कार्य कर रहे क्षेत्र के युवा तरुण मेहरा ने बेरीनाग महाविद्यालय के पास ही स्थित एक पहाड़ी पर प्रागैतिहासिक कालीन शैल चित्र खोजे हैं। इन चित्रों को देखकर तरूण हैरान हो गए। गुफा की दीवारों पर विशेष रंग से प्रागैतिहासिक काल की चित्रकारी की गई थी।

1965 में लखुउडिआर में मिली थी इसी तरह की पेंटिंग

आपको बता दें कि साल 1965 में अल्मोड़ा जिले के लखुउडियार में भी इसी तरह के प्रागैतिहासिक कालीन शैल चित्र मिले थे। जिन्हें पुरातत्व विभाग ने संरक्षित किया है। इन्हें देखने के लिए हर साल पर्यटक अल्मोड़ा आते हैं। हाल ही में एएसआई ने खुलासा करते हुए बताया था कि लखुडियार गुफा के पास आदि मानवों की एक नहीं, कई गुफाएं मौजूद हैं।इसके साथ ही एएसआई ने कहा है कि इन गुफाओं में प्राचीन सभ्यता के कई रहस्य छुपे हैं। इनके मिलने से कई रहस्यों से पर्दा उठ सकता है।

शिलाओं पर लाल, काले व सफेद रंग से बनाए गए हैं चित्र

गुफा की खोज करने वाले तरुण ने बताया कि बेरीनाग में गुफा के अंदर शिलाओं पर लाल, काले और सफेद रंग से उंगलियों द्वारा चित्र बनाए गए हैं। इन चित्रों में मनुष्य और जानवरों के चित्र शामिल हैं। इसके साथ ही उनका कहना है कि साल 1856 में चंपावत जिले में मिली प्राचीन ओखली की तरह ही यहां पर भी एक ओखली मौजूद है।

ऐसे पहुंचे थे गुफा तक

काफल हिल एडवेंचर क्लब के अध्यक्ष तरुण मेहरा ने बताया कि वो रस्सी के सहारे 20 फीट ऊपर चढ़कर गुफा तक पहुंचे थे। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि पहाड़ी पर संकरा रास्ता है। इस रास्ते पर रस्सी लगाकर उसके सहारे 100 मीटर की दूरी तय करनी पड़ेगी।

तरुण मेहरा का कहना है कि अगर सरकार द्वारा यहां पर सुविधाएं उपलब्ध कराई जाती हैं तो ये जगह बेरीनाग के साथ ही प्रदेश में पर्यटन के नए आयाम को छू सकती है। तरुण मेहरा के साथ इस अभियान में जगदीश भारती, चंदन कुमार, रघुवीर मेहरा और गोविंद बर्थवाल भी शामिल थे।

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योगिता बिष्ट उत्तराखंड की युवा पत्रकार हैं और राजनीतिक और सामाजिक हलचलों पर पैनी नजर रखती हैंं। योगिता को डिजिटल मीडिया में कंटेंट क्रिएशन का खासा अनुभव है।