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मलिन बस्तियों को लेकर फिर शुरू हुई राजनीति, स्थाई समाधान ना होने पर विपक्ष ने दी प्रदर्शन की चेतावनी

Yogita Bisht
3 Min Read
मलिन बस्ती

उत्तराखंड में निकाय चुनाव से पहले एक बार फिर से मलिन बस्तियों के मामले में राजनीति तेज हो गई है। मनिल बस्तियों के लिए ले गए अध्यादेश का समय पूरा हो रहा है। ऐसे में एक बार फिर से ये सवाल उठ रहा है कि इस बार भी क्या सरकार मलिन बस्तियों को राहत देगी या फिर अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई शुरू होगी। वहीं विपक्ष ने सरकार को इसका स्थाई समाधान ना होने पर प्रदर्शन करने की चेतावनी दे दी है।

मलिन बस्तियों को लेकर फिर शुरू हुई राजनीति

उत्तराखंड में साल 2018 में नैनीताल हाई कोर्ट ने उत्तराखंड सरकार को आदेश दिया था, की मलिन बस्तियों को हटाया जाए इन सभी लोगों को सरकार दूसरी जगह स्थापित करें। लेकिन बड़े पैमाने पर प्रदेश के कई हिस्सों में मलिन बस्तियां हैं ऐसे में लाखों लोगों को हटाकर कहां स्थापित किया जाए सरकार के लिए बड़ी चुनौती थी। साल 2018 में भाजपा सरकार 3 वर्ष के लिए अध्यादेश लेकर आई। साल 2021 में इसे 3 साल के लिए और बढ़ाया गया।

मलिन बस्तियों का किया जाएगा स्थाई समाधान

मलिन बस्तियों के अध्यादेश का समय अब पूरा हो रहा है। ऐसे में आप एक बार फिर से सवाल उठने लगा है कि क्या एक बार फिर से सरकार अध्यादेश ला रही है या फिर इस बार स्थाई समाधान की ओर काम होगा। उत्तराखंड के शहरी विकास मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल का कहना है कि इस मामले में मुख्यमंत्री के साथ विस्तृत चर्चा हुई है।

उन्होंने कहा कि राज्य सरकार चाहती है कि कोई स्थाई समाधान किया जाए। आज या कल में सरकार त्वरित समाधान करने जा रही है। लेकिन लंबे समाधान पर भी चर्चा हो रही है । वहीं मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी का भी कहना है की मलिन बस्ती वाले लोगों के हक में सरकार फैसला लेगी और जो लोग जहां हैं वो यथावत रहेंगे।

स्थाई समाधान ना होने पर विपक्ष करेगा सरकार के खिलाफ प्रदर्शन

कांग्रेस के पूर्व विधायक राजकुमार का कहना है कि साल 2016 में कांग्रेस सरकार ने इस मामले पर विस्तृत रिपोर्ट तैयार की थी। सरकार ने बाकायदा विधानसभा से मलिन बस्तियों के लिए एक्ट बनाया था। लेकिन राज्य सरकार ने उसे पर कोई काम नहीं किया। पूर्व विधायक राजकुमार का कहना है कि खुद वह कमेटी के अध्यक्ष थे और पूरी चर्चा के बाद मलिन बस्तियों के लिए ही एक्ट लाया गया था। अगर इस बार सरकार स्थाई समाधान नहीं लाती है तो फिर विपक्ष सरकार के खिलाफ प्रदर्शन करेगा

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योगिता बिष्ट उत्तराखंड की युवा पत्रकार हैं और राजनीतिक और सामाजिक हलचलों पर पैनी नजर रखती हैंं। योगिता को डिजिटल मीडिया में कंटेंट क्रिएशन का खासा अनुभव है।