National : अगर शिक्षक ने बच्ची को जबरदस्ती फूल दिया तो माना जाएगा यौन उत्पीड़न, लगेगा पॉक्सो एक्ट, जानें यहां   - Khabar Uttarakhand - Latest Uttarakhand News In Hindi, उत्तराखंड समाचार

अगर शिक्षक ने बच्ची को जबरदस्ती फूल दिया तो माना जाएगा यौन उत्पीड़न, लगेगा पॉक्सो एक्ट, जानें यहां  

Renu Upreti
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सुप्रीम कोर्ट

सावधान हो जाए, क्योंकि अगर आपने किसी बच्ची को जबरदस्ती फूल दिया तो आपको पॉक्सो एक्ट के तहत सजा हो सकती है। दरअसल, शीर्ष अदालत ने फैसला सुनाया कि लड़को के स्कूल वाले एक शिक्षक द्वारा एक नाबालिग छाक्षा को फूल भेंट करना और उसे दूसरों के सामने लेने के लिए दबाव डालना यौन अपराधों से बच्चों के संरक्षण अधिनियम के तहत यौन उत्पीड़न है। हालांकि, अदालत ने आरोपी शिक्षक की प्रतिष्ठा को देखते हुए सबूतों की सख्त जांच की आवश्यकता पर जोर दिया है।

शीर्ष अदालत ने शिक्षक के खिलाफ व्यक्तिगत शिकायतों को निपटाने के लिए लड़की को मोहरे के रुप में इस्तेमाल किए जाने की संभावना के बारे में चिंता जताई है। दरअसल, कोर्ट ने पाया कि बच्ची के रिश्तेदारों से जुड़ा कोई मामला हो सकता है।

हाईकोर्ट का फैसला पलटा

न्यायामूर्ति दीपांकर दत्ता, न्यायमूर्ति केवी विश्वनाथन और न्यायमूर्ति संदीप मेहता की पीठ मामले में सुनवाई कर रही थी। पीठ ने तमिलनाडु ट्रायल कोर्ट और मद्रास उच्च न्यायालय द्वारा दोषी ठहराए गए फैसले को पलट दिया, जिसने शिक्षक को तीन साल की जेल की सजा सुनाई थी।

अदालत ने आरोपी शिक्षक को बरी किया

पीठ ने कहा, ‘हम राज्य सरकार के वरिष्ठ वकील की इस दलील से पूरी तरह सहमत हैं कि किसी भी शिक्षक द्वारा छात्रा (जो नाबालिग भी है) का यौन उत्पीड़न गंभीर प्रकृति के अपराधों की सूची में काफी ऊपर होगा क्योंकि इसके दूरगामी परिणाम होते हैं, जो कार्यवाही के पक्षकारों से कहीं अधिक प्रभावित होते हैं।’ अदालत ने आरोपी शिक्षक को बरी कर दिया। साथ ही यौन दुराचार के आरोपों से जुड़े मामलों में संतुलित निर्णय की आवश्यकता पर जोर दिया, खासकर जब एक शिक्षक की प्रतिष्ठा दांव पर हो।

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