श्री पंचदश नाम जूना अखाड़े के महामंडलेश्वर महायोगी पायलट बाबा का पार्थिव शरीर बुधवार को उत्तराखंड पहुंचा। दोपहर में पायलट बाबा का पार्थिव शरीर हरिद्वार स्थित उनके आश्रम पहुंचा। उनके अंतिम दर्शनों के लिए संत महात्मा और देश विदेश के श्रद्वालु पहुंच रहे हैं।
हरिद्वार लाया गया पायलट बाबा का पार्थिव शरीर
श्री पंचदश नाम जूना अखाड़े के महामंडलेश्वर महायोगी पायलट बाबा का निधन मंगलवार को मुंबई के एक अस्पताल में हुआ था। जिसके बाद से संत समाज में शोक की लहर है। बुधवार को उनके पार्थिव शरीर हरिद्वार स्थित उनके आश्रम पहुंचा। जहां उन्हें श्रद्धांजलि देने के लिए बड़ी संख्या में लोग पहुंच रहे हैं।

कल हरिद्वार में दी जाएगी समाधि
पायलट बाबा को कल उत्तराधिकारी का पट्टाभिषेक कर समाधि दी जाएगी। बता दें कि पायलट बाबा की अंतिम इच्छा उन्हें उत्तराखंड की पावन धरती पर समाधि देने की थी। पायलट बाबा की अंतिम इच्छा के अनुसार उन्हें उत्तराखंड के हरिद्वार में ही समाधि दी जाएगी।
कौन थे पायलट बाबा ?
बता दें कि पायलट बाबा के नाम से मशहूर बाबा पहले वायुसेना में थे। पायलट बाबा का पुराना नाम कपिल सिंह था। उनका जन्म बिहार के रोहतास जिले के सासाराम में एक राजपूत परिवार में हुआ था। उन्होंने उच्च शिक्षा काशी हिन्दू विश्वविद्यालय से प्राप्त की थी। जिसके बाद उनका चयन वायुसेना में हो गया और बाबा विंग कमांडर बनकर वायुसेना का हिस्सा बन गए।

साल 1962, 1965 और 1971 के युद्ध में पायलट बाबा ने प्रतिभाग किया था। जिसके लिए बाबा को सम्मानित भी किया गया था। बताया जाता है कि साल 1996 में जब बाबा मिग विमान भारत के पूर्वोत्तर में उड़ा रहे थे तो उनके साथ हादसा हुआ था और विमान से उन्होंने नियंत्रण खो दिया था। इस दौरान उन्हें उनके गुरु हरि गिरी महाराज के दर्शन प्राप्त हुए और उन्हें वहां से सुरक्षित बाहर निकाल लिया गया। इसी दौरान उन्हें वैराग्य प्राप्त हुआ और इसके बाद उन्होंने सन्यास ले लिया।