Big News : दरोगा पर हमले के बाद PHQ सख्त, थानों में दी जाएगी बुलेट प्रूफ जैकेट, CM ने व्यक्त की थी नाराजगी - Khabar Uttarakhand - Latest Uttarakhand News In Hindi, उत्तराखंड समाचार

दरोगा पर हमले के बाद PHQ सख्त, थानों में दी जाएगी बुलेट प्रूफ जैकेट, CM ने व्यक्त की थी नाराजगी

Sakshi Chhamalwan
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मसूरी में हरियाणा के बदमाश ने रायपुर के दारोगा पर हमला कर दिया था। मामले पर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने नाराजगी व्यक्त की थी। जिसके बाद उत्तराखंड पुलिस ने पुलिस लाइनों से थानों में बुलेट प्रूफ जैकेट और अन्य सुरक्षा उपकरण आवंटित करने का फैसला लिया है।

एडीजी कानून व्यवस्था ने दिए निर्देश

मंगलवार को एडीजी कानून व्यवस्था एपी अंशुमान ने इसके लिए विस्तृत दिशा निर्देश दिए हैं। उन्होंने इन सुरक्षा उपकरणों के साथ शस्त्रों का भी समय-समय पर निरीक्षण करने के निर्देश दिए। इसके साथ ही कहा है कि दबिश में केवल अनुभवी कर्मचारियों को ही भेजा जाए।

तीन सालों में पांच पुलिसकर्मी हुए चोटिल

एडीजी कानून व्यवस्था ने जानकारी देते हुए बताया कि पिछले तीन सालों में अपराधियों की तलाश एवं गिरफ्तारी के दौरान पुलिसकर्मियों पर फायरिंग की लगभग 27 घटना हुई हैं। जिसमें पांच पुलिसकर्मी चोटिल हुए हैं। मसूरी में हुई घटना में अगर पूरी तैयारी एवं सतर्कता से दबिश दी जाती तो दरोगा पर हुए हमले को रोका जा सकता था और मौके पर ही आरोपी को गिरफ्तार किया जा सकता था।

सावधानियों के लिए जारी किये दिशा निर्देश

एडीजी कानून व्यवस्था ने दबिश से पहले, दबिश के दौरान और गिरफ्तारी के बाद बरती जाने वाली सावधानियों के लिए विस्तृत दिशा-निर्देश दिए हैं। उन्होंने पुलिस लाइनों में पर्याप्त बुलेट प्रूफ जैकेट, अस्त्र, शस्त्र और सुरक्षा उपकरण रखने के निर्देश दिए हैं। इसके साथ ही कहा कि पुलिसकर्मियों की शारीरिक और मानसिक दक्षता पर भी फोकस हो।

दबिश से पहले की तैयारी

  • गिरफ्तारी से पहले उच्च अधिकारियों को तत्काल सूचित किया जाए। पुलिस को शॉर्ट रेंज और लॉन्ग रेंज हथियारों और बुलेट प्रूफ जैकेट के साथ ही रवाना किया जाए।
  • दबिश में कम से कम चार सदस्य शामिल हों। इनमें डीएसपी, इंस्पेक्टर और सब इंस्पेक्टर स्तर के अधिकारियों का नेतृत्व जरूरत के हिसाब से हो।
  • दबिश में रवाना होने से पहले असलाह और कारतूसों की दशा परखी जाए कि वह चल भी रहे हैं या नहीं।
  • अपराधी कितना बड़ा है उससे संभावित खतरे के संबंध में उच्चाधिकारी टीम को ब्रीफ जरूर करें।
  • गिरफ्तारी स्थल पर पहुंचने से पहले ही भौगोलिक स्थिति के अनुसार टास्क निर्धारित किया जाए।
  • दिन-रात्रि दबिश के अनुसार आवश्यक तैयारियां की जाए
  • मोबाइल लोकेशन के लिए एसओजी, एसटीएफ से तकनीकी सहायता के लिए समन्वय किया जाए और वायरलेस सेट भी जरूर साथ में हो।

दबिश वाले स्थान पर कार्यवाही

  • दबिश पर आरोपी द्वारा हमला किए जाने की सम्भावनाओं को देखते हुए पूरी सतर्कता बरती जाए। लीड मेम्बर की सपोर्टिंग के लिए अन्य टीम सदस्य भी पूरी तैयारी के साथ रहें।
  • आपराधिक इतिहास वाले आरोपियों की गिरफ्तारी के वक्त जनपद प्रभारी हर वक्त उनके संपर्क में रहें।
  • मौके पर टीम लीडर वास्तविक भौगोलिक स्थिति का आकलन करें ताकि एंट्री और एग्जिट प्वाइंट के साथ वहां से निकलने के लिए रास्ता भी बनाया जाए।
  • आवश्यकता के अनुसार ही अस्लाहों का प्रयोग किया जाए।

CM ने व्यक्त की थी नाराजगी

दरोगा पर हुए हमले पर मुख्यमंत्री पु शकरव सिंह धामी ने भी नाराजगी व्यक्त की है। डीजीपी अभिनव कुमारने कहा कि.मसूरी में हाल ही में बाहर से आए बदमाश के साथ मुठभेड़ में सब इंस्पेक्टर के पेट में गोली लगने की घटना के बाद सीएम धामी ने नाराजगी व्यक्त की है। उन्होंने कहा कि पुलिस बल को बुलेटप्रूफ जैकेट और हेलमेट उपलब्ध कराए जाएं।

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Sakshi Chhamalwan उत्तराखंड में डिजिटल मीडिया से जुड़ीं युवा पत्रकार हैं। साक्षी टीवी मीडिया का भी अनुभव रखती हैं। मौजूदा वक्त में साक्षी खबरउत्तराखंड.कॉम के साथ जुड़ी हैं। साक्षी उत्तराखंड की राजनीतिक हलचल के साथ साथ, देश, दुनिया, और धर्म जैसी बीट पर काम करती हैं।