Women Reservation को चुनौती देने वाली याचिका को हाईकोर्ट ने खारिज किया।

Women Reservation को चुनौती देने वाली याचिका खारिज, कानून पर हाईकोर्ट ने लगाई मुहर

Yogita Bisht
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महिला आरक्षण

Women Reservation Bill: महिलाओं के हित में उत्तराखंड की धामी सरकार द्वारा बनाए गए महिला आरक्षण कानून पर अब उत्तराखंड हाई कोर्ट ने भी अपनी मुहर लगा दी है। नैनीताल हाईकोर्ट ने महिला आरक्षण कानून को चुनौती देने वाली याचिका को खारिज कर दिया है।

Women Reservation Bill को चुनौती देने वाली याचिका खारिज

महिलाओं के हित में उत्तराखंड की धामी सरकार द्वारा बनाए गए महिला आरक्षण कानून (Women Reservation Bill) पर अब उत्तराखंड हाई कोर्ट ने भी अपनी मुहर लगा दी है। आज हाई कोर्ट ने उत्तराखंड में महिला आरक्षण को चुनौती देने संबंधी याचिका को खारिज कर दिया है।

30 नवंबर 2022 को हुआ था बिल पारित

प्रदेश की धामी सरकार ने 30 नवंबर 2022 को विधानसभा में महिला आरक्षण बिल को सर्वसम्मति से पारित कराकर राजभवन भेजा था। राज्यपाल ने उत्तराखंड लोक सेवा (महिलाओं के लिए क्षैतिज आरक्षण) विधेयक 2022 को मंजूरी प्रदान कर दी थी। जिसके बाद राजभवन से विधेयक को विधायी विभाग भेज दिया गया। जहां से इसका गजट नोटिफिकेशन जारी किया गया।

महिलाओं को सरकारी नौकरियों में 30 प्रतिशत क्षैतिज आरक्षण

इस कानून को लागू होने के बाद उत्तराखंड में महिलाओं को सरकारी नौकरियों में 30 प्रतिशत क्षैतिज आरक्षण का कानूनी अधिकार मिल गया। आरक्षण का लाभ उन सभी महिलाओं को मिलेगा जिनका उत्तराखंड राज्य का अधिवास (डोमिसाइल) है। बेशक वे राज्य से बाहर किसी भी स्थान पर निवास कर रही हों।

इस मामले में एक याचिका इसके विरोध में हाई कोर्ट में दाखिल की गई थी जिसमें यह कहते हुए महिला आरक्षण कानून Women Reservation Bill को चुनौती दी गयी कि राज्य सरकार ऐसा नहीं कर सकती। हाई कोर्ट ने इस मामले में आज सुनवाई करते हुए उक्त अपील को खारिज कर दिया है।

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योगिता बिष्ट उत्तराखंड की युवा पत्रकार हैं और राजनीतिक और सामाजिक हलचलों पर पैनी नजर रखती हैंं। योगिता को डिजिटल मीडिया में कंटेंट क्रिएशन का खासा अनुभव है।