Big News : माता-पिता को बस इकलौते बेटे मंदीप का इंतजार, तिरंगे में लिपटा पहुंचेगा, 2018 में हुए थे भर्ती - Khabar Uttarakhand - Latest Uttarakhand News In Hindi, उत्तराखंड समाचार

माता-पिता को बस इकलौते बेटे मंदीप का इंतजार, तिरंगे में लिपटा पहुंचेगा, 2018 में हुए थे भर्ती

Reporter Khabar Uttarakhand
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Breaking uttarakhand news़पौड़ी गढ़वाल : बीता दिन शुक्रवार उत्तराखंड के लिए और देश के लिए काला दिन साबित हुआ। पौड़ी गढ़वाल का बेटा मंदीप 23 साल की उम्र मेें देश केलिए शहीद हो गया। बता दें कि मंदीप अपने माता पिता की इकलौती संतान थी जिसकी शादी की तैयारियां चल रही थी लेकिन किसने पता था मंंदीन तिरंगे में लिपटा पहुंचेगा। बता दें कि जम्मू कश्मीर के गुलमर्ग में सीमा पर अपनी ड्यूटी निभाते हुए 11वीं गढ़वाल राइफल के 23 वर्षीय मंदीप सिंह नेगी शहीद हो गए। आज उनका पार्थिव शरीर पैतृक गांव पहुंचेगा और अंतिम संस्कार किया जाएगा।

11 मार्च 2018 को लैंसडौन में भर्ती हुए थे मंदीप 

आपको बता दें कि मंदीप सिंह पौड़ी जिले के पोखड़ा ब्लाक के ग्राम सकनोली के रहने वाले थे। मंदीप के शहीद होने की सूचना के बाद से ही गांव के साथ पूरे प्रदेश में शोक की लहर है। जिस उम्र में लड़के घूमते फिरते और दोस्ती यारी करते हैं इस उम्र में मंदीप देश के लिए शहीद हो गए। बीती गुरुवार की रात करीब 8 बजे सूचना मिली कि मंदीप गुलमर्ग में शहीद हो गए हैं। जिसकी सूचना उनके परिवार को दी गयी। शहीद की खबर सुनने के बाद से ही मंदीप की माता हेमन्ती देवी और पिता सत्यपाल सिंह का रो रो कर बुरा हाल है। परिवार समेत गांव में मातम पसर गया है। मंदीप 11 मार्च 2018 को लैंसडौन में भर्ती हुए थे। वह अपने माता पिता का इकलौते लड़के थे। मंदीप के पिता किसान व माता गृहणी है ।

मंदीप बीते सितंबर महीने में दो महीने की छुट्टी पर घर आए थे। इस दौरान घरवालों ने मंदीप के लिए लड़की देख ली और तब उसके माता पिता ने मंदीप की सगाई कर दी थी। बताया कि अगले एक महीने बाद मंदीप छुट्टी लेकर घर आने वाला था। मंदीप के परिजन का इसी छुट्टी में उसकी शादी करवाने का विचार था। इसलिए वो सब मंदीप के आने का इंतजार कर रहे थे।

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