Big News : यहां गधेरे में छात्र का सड़ा-गला शव मिलने से मचा हड़कंप, 51 दिन पहले हो गया था लापता - Khabar Uttarakhand - Latest Uttarakhand News In Hindi, उत्तराखंड समाचार

यहां गधेरे में छात्र का सड़ा-गला शव मिलने से मचा हड़कंप, 51 दिन पहले हो गया था लापता

Yogita Bisht
4 Min Read
लापता छात्र

51 दिन पहले लापता हुए छात्र का सड़ा-गला शव गधेरे में पड़ा मिलने से हड़कंप मच गया। बताया जा रहा है कि छात्र स्कूल के लिए गया था और तब से घर वापस नहीं लौटा। परिजन लगातार छात्र को ढूंढने की कोशिश कर रहे थे। परिजनों ने गुमशुदगी भी दर्ज कराई थी लेकिन इसके बाद भी उसका कुछ पता नहीं चल पाया। अब 51 दिन बाद छात्र का शव मिलने पर परिजनों ने पुलिस पर लापरवाही का आरोप लगाया। है।

गधेरे में पड़ा मिला छात्र का शव

नैनीताल जिले के काठगोदाम क्षेत्र से 51 दिन पहले एक छात्र लापता हो गया था। बीते दिन छात्र का सड़ा-गला शव शीतला देवी मंदिर के पास गधेरे से बरामद हुआ है। जिसके बाद से इलाके में हड़कंप मच गया है। परिजनों ने छात्र की हत्या की आशंका जताई है और पुलिस पर लापरवाही के आरोप लगाए हैं। मौत के कारणों का पता पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद ही चल पाएगा।

17 फरवरी को हो गया था लापता

मिली जानकारी के मुताबिक मूलरूप से ग्राम पोखरी, पुटगांव, तहसील धारी निवासी सुभाष चंद्र दुम्का का बेटा भाष्कर (15) शिवपुरी जवाहर ज्योति दमुवाढूंगा में अपने फूफा मोहन सनवाल के घर पर रहता था। यहां पर रहकर वो पढ़ाई करता था। भाष्कर आवास विकास में स्थित एक प्राइवेट स्कूल में कक्षा नवीं में पढ़ता था।

17 फरवरी को वो स्कूल के लिए निकला था। लेकिन उसके बाद से वो अपने घर नहीं लौटा। घर ना लौटने पर देर शाम तक परिवारजन उनकी तलाश करते रहे लेकिन उसका कुछ पता नहीं चल सका। इसके बाद उन्होंने काठगोदाम थाने में गुमशुदगी दर्ज कराई।

51 दिन बाद गेधेरे में पड़ा मिला शव

पुलिस ने मामले की जांच शुरू की जिसमें छात्र अंतिम बार शीतला मंदिर के पास लगे सीसीटीवी कैमरे की फुटेज में दिखाई दिया। लेकिन उसके बाद भी उसको ढूंढा नहीं जा सका। लापता होने के 51 दिन बाद जंगल में घास काटने गई महिला ने गधेरे में किशोर का शव पड़ा होने की सूचना पुलिस को दी। जिसके बाद पुलिस मौके पर पहुंची और शव को कब्जे में ले लिया। शव की शिनाख्त भाष्कर के रूप में हुई है।

परिजनों ने पुलिस पर लगाए लापरवाही के आरोप

छात्र के ताऊ चंद्र दत्त दुम्का व चाचा विवेक दुम्का ने इस मामले की जांच में पुलिस पर लापरवाही बरतने के आरोप लगाए हैं। उनका कहना है कि पुलिस ने उनके बच्चे को ढूंढने में कोई दिलचस्पी नहीं दिखाई। इसके साथ ही परिजनों ने आरोप लगाया है कि पुलिस ने छात्र को ढूंढ रहे दमुवाढूंगा चौकी इंचार्ज को भी जांच टीम से हटा दिया था। परिजनों का कहना है कि दो सिपाही के भरोसे हमारे बच्चे को ढूंढा जा रहा था। इसके साथ ही परिजनों ने छात्र के साथ अंतिम बार दिखे दो बच्चों पर भी हत्या का शक जताया था।

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योगिता बिष्ट उत्तराखंड की युवा पत्रकार हैं और राजनीतिक और सामाजिक हलचलों पर पैनी नजर रखती हैंं। योगिता को डिजिटल मीडिया में कंटेंट क्रिएशन का खासा अनुभव है।