Dehradun : उत्तराखंड : उल्लू पर बुरी नजर रखने वालों पर तीसरी आंख की नजर, बच पाना मुश्किल - Khabar Uttarakhand - Latest Uttarakhand News In Hindi, उत्तराखंड समाचार

उत्तराखंड : उल्लू पर बुरी नजर रखने वालों पर तीसरी आंख की नजर, बच पाना मुश्किल

Reporter Khabar Uttarakhand
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cm pushkar singh dhami

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देहरादून: दीपावली पर अक्सर उल्लू के शिकार की खबरें सामने आती रहती हैं। अंध विश्वासों में यकीन करने वाले तांत्रिक और लोग उल्लू के अंगों से साधना करते हैं। ऐसे मामले सामने आते रहे हैं। राजाजी टाइगर रिजर्व समेत अन्य जगहों पर दीपावली उल्लू के शिकारी सक्रिय हो जाते हैं। शिकारियों के खतरे को देखते हुए टाइगर रिजर्व के सभी 10 रेंजों में गश्त बढ़ा दी गई है। कुछ संवेेदनशील इलाकों में ड्रोन कैमरे से शिकारियों की निगरानी की जा रही है।

टाइगर रिजर्व में चीला, मोतीचूर समेत सभी रेंज में शिकारियों की कड़ी निगरानी की जा रही है। ऐसे लोगों पर भी नजर रखी जा रही है, जो पूर्व में वन्यजीवों के शिकार या फिर उल्लुओं के शिकार के मामले में पकड़े जा चुके हों। देहरादून वन प्रभाग के प्रभागीय वनाधिकारी राजीव धीमान ने बताया कि अधिकारियों की अगुवाई में टीमें थानों, झाझरा, आशारोड़ी, समेत तमाम इलाकों के जंगलों में डेरा डाले हुए हैं और यदि कोई भी शिकारी

उवन्य जीव संरक्षण अधिनियम की धाराओं में मुकदमा दर्ज कराया जाएगा। दूसरी ओर राजधानी में उन कारोबारियों पर भी नजर है जो पक्षियों का कारोबार करते हैं। दीपावली के मौके पर तांत्रिक इन शिकारियों से उल्लुओं को महंगे दामों पर खरीदते हैं। हालांकि यह तंत्र साधना पूरी तरह अंधविश्वास पर आधारित है। वन्यजीव संरक्षण अधिनियम-1972 में भी उल्लुओं का शिकार करते पकड़े जाने पर तीन साल की जेल व 25 हजार रुपये के जुर्माने का प्रावधान है।

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