नैनीताल : उत्तराखंड में कोरोना का खतरा बढ़ता जा रहा है। कई दिनों से प्रदेश में एक दिन में कोरोना के कई मामले सामने आ चुके हैं। प्रदेश में कोरोना मरीजों का आंकड़ा 87 हजार के पार पहुंच चुका है। वहीं कोरोना के खतरे को देखते हुए हाईकोर्ट भी सख्त नजर आ रहा है.
जी गां नैनीताल हाईकोर्ट ने क्रिसमस औऱ 31 की रात 8 बजे से नाइट कफ्र्यू के जिला निगरानी कमेटी के सुझाव पर सरकार ने कहा कि यह संभव नहीं है। कोरोना की रोकथाम के लिए जिला प्रशासन की ओर से पर्यटकों की कोरोना जांच को अनिवार्य किया जा रहा है। साथ ही सोशल डिस्टेंसिंग, मास्क की अनिवार्यता, सार्वजनिक स्थानों पर भीड़ नहीं होने देने के लिए अलावा पुलिस फोर्स की तैनाती की जाएगी।
आपको बता दें कि बुधवार को कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति रवि मलिमठ व न्यायमूर्ति आलोक कुमार वर्मा की खंडपीठ में अधिवक्ता दुष्यंत मैनाली व सच्चिदानंद डबराल की जनहित याचिका पर सुनवाई की। सुनवाई के दौरान राज्य सरकार की ओर से पेश किए गए शपथ पत्र में कहा गया कि हरिद्वार महाकुंभ में सामाजिक दूरी समेत कोविड गाइडलाइन के अनुपालन के लिए अगली सुनवाई से पहले नई एसओपी जारी कर दी जाएगी। कोर्ट ने सरकार से पूछा कि नैनीताल, मसूरी और देहरादून में क्रिसमस व 31 दिसंबर को होने वाली पार्टियों को रोकने के लिए सरकार ने क्या इंतजाम किए हैं। इस पर सरकार की तरफ से कहा गया कि देहरादून और मसूरी में जिलाधिकारी ने सभी होटलों, सार्वजनिक स्थानों, ढाबों में पार्टियां करने पर पूर्ण रूप से पाबंदी लगा दी है। कानून का उल्लंघन करने पर उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
कोर्ट ने जब नैनीताल के बारे में पूछा तो सरकार ने कहा कि इस पर जिलाधिकारी फैसला लेंगे।हालांकि जिला निगरानी कमेटी द्वारा कोर्ट को सुझाव दिया गया कि क्रिसमस व 31 दिसंबर को नैनीताल में शाम आठ बजे से लेकर सुबह 10 बजे तक रात्रि कफ्र्यू लगाया जाय। जिस पर कोर्ट ने सरकार को निर्देश दिए कि कमेटी द्वारा दिये गए सुझाव पर अमल किया जाय। सरकार की ओर से सीएससी चंद्रशेखर रावत ने स्पष्ट किया कि रात को कफ्र्यू संभव नहीं है। सरकार की ओर से कोविड संक्रमण रोकने के लिए व्यापक इंतजाम किए गए हैं।