Big News : जोशीमठ में अधिकारियों का 'जुगाड़', पाईप लगाकर रोक रहें हैं चट्टान - Khabar Uttarakhand - Latest Uttarakhand News In Hindi, उत्तराखंड समाचार

जोशीमठ में अधिकारियों का ‘जुगाड़’, पाईप लगाकर रोक रहें हैं चट्टान

Yogita Bisht
3 Min Read
joshimath news

joshimath news

जोशीमठ आपदा के बाद से सरकार लगातार कह रही है कि जोशीमठ के लिए सराकरी मशीनरी पूरी तरह एक्शन मोड में है। लेकिन कभी पुर्नवास तो कभी अंतिम रिपोर्ट को लेकर सरकारी मशीनरी सवालों के घेरे में हैं तो कभी पुनर्वास की धीमी चाल पर।

वहीं अब फिर से सरकार द्वारा जोशीमठ में किए गए एक काम को लेकर सरकार निशाने पर आ गई है। जोशीमठ में पाईप लगाकर चट्टान को खिसकने से रोकने की कोशिश हो रही है। इसकी फोटो सोशल मीडिया पर वायरल है। लोग ये तरकीब सुन हैरान हो रहे हैं। क्योंकि अगर जमीन में हल्का सा भी कंपन हुआ या फिर भूस्खलन बढ़ता है तो इस चट्टान का गिरना तय माना जा रहा है। ऐसे में ये चट्टान नीचे जाएगी और नीचे के घरों को नुकसान पहुंचाएगी।

फिर बढ़ने लगी जोशीमठ में दरारें

जोशीमठ में एक बार फिर से चिंताएं बढ़ने लगी हैं। जोशीमठ में एक बार फिर से दरारें बढ़ने का सिलसिला शुरू हो गय़ा है। सिंहधार वार्ड के एक मकान में लगाए गए क्रेकोमीटर ने दरारें बढ़ने के कारण जगह छोड़ दी है। जिसने सबकी चिंता बढ़ा दी है। प्रभावित परिवार ने प्रशासन से उनके घर को असुरक्षित दायरे में रखने की मांग की है।

अधिकारियों ने लगाए लोहे के पाईप

जोशीमठ में जब दरारें पढ़ने का सिलसिला शुरू हुआ तो लोगों ने अपने घरों को बचाने के लिए बल्लियों का सहारा लिया लेकिन ये तो उनकी मजबूरी थी। पर अधिकारियों ने अब ऐसा कदम उठाया है कि जिसपर सभी सोचने पर मजबूर हो गए हैं। सरकार ने जोशीमठ के सिंहधार वार्ड के पास ही स्थित एक भारी भरकम चट्टान को रोकने के लिए लोहे के पाइप लगाए हैं। सिंहधार वार्ड में दरारें आई हैं जिसके कारण प्रशासन पहले ही यहां से लोगों को शिफ्ट कर चुका है। यहीं प्राथमिक विद्यालय के पास एक बड़ी चट्टान है, जिसके नीचे दरार आई हुई है। और इस पत्थर को रोकने के लिए प्रशासन ने इसके नीचे लोहे के पाईप लगाए हुए हैं।

चट्टान खिसकी तो?, क्या काम करेगा ये जुगाड़?

चट्टान को रोकने के लिए प्रशासन ने लोहे के पाईप तो लगा दिए हैं। लेकिन सवाल यो उठता है कि अगर ये चट्टान खिसकती है तो बहुत बड़ा नुकसान हो सकता है। हालांकि प्रशासन ने इस चट्टान को रोकने के लिए ही लोहे के पाईप लगाए हैं लेकिन क्या सही फैसला है ? क्योंकि ये लोहे के पाईप चट्टान का भार कब तक सह सकते हैं ये कोई नहीं जानता। और अगर भूमि में हल्का सा कंपन हुआ तो फिर क्या होगा। तब तो यह चट्टान राम भरोसे ही है।

Share This Article
Follow:
योगिता बिष्ट उत्तराखंड की युवा पत्रकार हैं और राजनीतिक और सामाजिक हलचलों पर पैनी नजर रखती हैंं। योगिता को डिजिटल मीडिया में कंटेंट क्रिएशन का खासा अनुभव है।