अजमेर में देश के बहुचर्चित ब्लैकमेल-रेप कांड मामले में 32 साल बाद फैसला आया है। कोर्ट ने बाकी बचे सात में से छह आरोपियों को दोषी मानते हुए सजा सुनाई है। इस कांड में शामिल आरोपी नफीस चिश्ती, नसीम उर्फ टार्जन, सलीम चिश्ती, इकबाल भाटी, सोहेल गनी और सैयद जमीर हुसैन है। इन सभी आरोपियों को कोर्ट ने आजीवन कारावास की सजा सुनाई है।
साल 1990 से हुई इस स्कैंडल की शुरुआत
बता दें कि इस स्कैंडल की शुरुआत साल 1990 से हुई थ। आरोपियों ने पहले एक लड़को को अपने चंगुल में फंसाया। इसके बाद पहली लड़की को छोड़ने के लिए उसके सामने दूसरी लड़की लाने की शर्त रखी। इस तरह एक के बाद 100 से ज्यादा लड़कियों के साथ आरोपियों ने दुष्कर्म किया। गैंगरेप के दौरान आरोपी लड़कियों की नग्न फोटो खींच लेते थे। इसी दौरान एक कलप लैब से लड़कियों की नग्न फोटो शहर भर में फैल गई। ये वही मामला है जिस पर अब मंगलवार को कोर्ट का फैसला आया है।
नशीला पदार्थ खिलाते फिर करते दुष्कर्म
इस गलत कृत्य को करने में अजमेर के यूथ कांग्रेस का तत्कालीन अध्यक्ष फारूख चिश्ती, उसका साथी नफीस और उसके गुर्गे कॉलेज की लड़कियों को अपना शिकार बनाते थे। फार्महाउस और रेस्टोरेंट में पार्टियों के नाम पर लड़कियों को बुलाते थे और उन्हें नशीला पदार्थ पिलाकर उनके साथ गैंगरेप करते थे। इसके बाद उनकी न्यूड तस्वीरें खींच लेते थे। फिर लड़कियों के ब्लैकमेल कर दूसरी लड़कियों को अपने साथ लाने का दबाव बनाते थे। इस तरह एक के बाद एक लड़की इनके चंगुल में फंसती चली गई।
18 लोगों पर आरोप लगे
इस केस के मास्टरमाइंड अजमेर यूथ कांग्रेस का अध्यक्ष फारूक चिश्ती, नफीस चिश्ती और अनवर चिश्ती थे। रसूखदारों के नाम सामने आते ही पुलिस मामले को दबाने में लग गई। जब बात बिगड़ी तो राजस्थान की तत्कालीन भैरोसिंह शेखावत सरकार ने जांच CID को दे दी। इस केस में कुल 18 लोगों पर आरोप लगे थे।
18 पीड़िताओं ने कोर्ट में दिया बयान
उधर, मामले का खुलासा होने से पहले कुछ लड़कियां हिम्मत जुटा कर पुलिस के पास गई थी लेकिन पुलिस ने केवल बयान दर्ज कर मामले को ठंडे बस्ते में डाल दिया। उधर, आरोपियों ने बयान देने वाली लड़कियों को धमकाना शुरु कर दिया। हालांकि बाद में 18 पीड़िताओं ने आरोपियों के खिलाफ कोर्ट में बयान दिया। बाकी लड़कियां भूमिगत हो गईं।
अजमेर के कलर लैब से हुआ खुलासा
बता दें कि इस अश्लील छायाचित्र ब्लैकमेल कांड का खुलासा अजमेर के एक कलर लैब से हुआ। जब वहां रखे कुछ अश्लील फोटो लीक हो गए और शहर में चर्चा हुई। पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरु की तो इस स्कैंडल का खुलासा हुआ। अश्लील छायाचित्र ब्लैकमेल कांड में 100 से ज्यादा लड़कियों के साथ दुष्कर्म हुआ। शुरुआती जांच में एक भी पीड़िता सामने नहीं आ रही थीं, जिसके बाद पुलिस उन तस्वीरें के जरिए उन लड़कियों तक पहुंचने लगी। बताया ये भी जाता है कि इस मामले के बाद कुछ लड़कियों ने आत्महत्या कर ली थी।