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अब मसूरी में भी नहीं चलेंगे पैडल रिक्शा, ई-रिक्शे से सैलानी करेंगे पहाड़ों की रानी की सैर

Yogita Bisht
3 Min Read
पैडल रिक्शा मसूरी

नैनीताल के बाद अब पहाड़ों की रानी मसूरी में भी अब पैडल रिक्शा नहीं चलेंगे। इनके बदले पर्यटक ई-रिक्शे से मसूरी की खूबसूरत वादियों का दीदार करेंगे। सभी रिक्शा चालकों को एक बार फिर से पुनर्वासित किया जाएगा।

अब मसूरी में भी नहीं चलेंगे पैडल रिक्शा

पहाड़ों की रानी मसूरी में अब साइकिल रिक्शा नहीं चलेंगे। नगर पालिका परिषद मसूरी द्वारा बोर्ड बैठक में प्रस्ताव पारित कर माल रोड में चल रहे साइकिल रिक्शा समाप्त कर ई-रिक्शा चलाने की कवायत शुरू कर दी गई है। जिसके तहत लाल बहादुर शास्त्री राष्ट्रीय प्रशासनिक अकादमी पर्यटन विभाग और जिला प्रशासन द्वारा मसूरी में ई-रिक्शा संचालन के लिए स्थल चयन की प्रक्रिया भी शुरू कर दी गई है।

मसूरी में 121 साइकिल रिक्शा हैं पंजीकृत

नगर पालिका परिषद मसूरी में कुल 121 साइकिल रिक्शा पंजीकृत है। सभी पंजीकृत रिक्शों को अब पुनर्वासित किया जाना है। बता दें साल 2017 में मसूरी में ई-रिक्शा संचालन का सफल ट्रायल भी किया जा चुका है। ई-रिक्शे आने के बाद मसूरी के पैडल रिक्शा एक इतिहास बनकर रह जाएगा।

साइकिल रिक्शा चालकों ने फैसले का किया स्वागत

मसूरी के रिक्शा संचालकों के साथ कई बैठकें भी आयोजित की जा चुकी है। रिक्शा चालकों ने ई-रिक्शा लाने का स्वागत किया है। इसके लिए उन्होंने नगर पालिका, लाल बहादुर शास्त्री राष्ट्रीय प्रशासनिक अकादमी और जिला प्रशासन का आभार व्यक्त किया है। बता दें कि मसूरी से हाथ रिक्शा हटाकर साइकिल रिक्शा भी लाल बहादुर सास्त्री अकेडमी के प्रयासों के बाद ही आए थे।

रिक्शा चालकों को किया जाएगा पुनर्वासित

नगर पालिका अधिशासी अधिकारी राजेश नैथानी ने बताया कि लाल बहादुर शास्त्री राष्ट्रीय प्रशासन अकादमी के निदेशक के साथ रिक्शा यूनियन के सदस्यों की बैठक भी आयोजित की गई। जिसमें निर्णय लिया गया है कि जो लोग ई-रिक्शा चलाने में सक्षम है उन्हें ई-रिक्शा दिया जाएगा और शेष लोगों को विभिन्न माध्यम से पुनर्वासित किया जाएगा।

उन्होंने कहा कि इसमें स्थानीय प्रशासन नगर पालिका परिषद मसूरी और लाल बहादुर शास्त्री राष्ट्रीय प्रशासनिक अकादमी द्वारा धन की व्यवस्था की जानी है। जिसमें लगभग चार से पांच करोड रुपए की लागत आएगी। रिक्शा चालकों का कहना है कि वो लगभग 25 सालों से रिक्शा चला रहे हैं। लेकिन उनका रूट निर्धारित है इसके साथ ही टैक्सी स्कूटी संचालन से उनके रोजगार पर प्रभाव पड़ा है। ई-रिक्शा आने से पर्यटकों को सुविधाएं भी मिलेगी और उनके कार्य में भी वृद्धि होगी।

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योगिता बिष्ट उत्तराखंड की युवा पत्रकार हैं और राजनीतिक और सामाजिक हलचलों पर पैनी नजर रखती हैंं। योगिता को डिजिटल मीडिया में कंटेंट क्रिएशन का खासा अनुभव है।