Uttarakhand : मूल निवास और भू-कानून आंदोलन को मिलेगी रफ्तार, हर जिले और ब्लॉक में बनेगी संघर्ष समितियां - Khabar Uttarakhand - Latest Uttarakhand News In Hindi, उत्तराखंड समाचार

मूल निवास और भू-कानून आंदोलन को मिलेगी रफ्तार, हर जिले और ब्लॉक में बनेगी संघर्ष समितियां

Yogita Bisht
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मूल निवास और भू कानून

24 दिसबंर को राजधानी दून में मूल निवास और भू-कानून की मांग को लेकर लोग सड़कों पर उतरे थे। रैली को मिले समर्थन के बाद अब इस आंदोलन को अब और भी ज्यादा तेज करने की तैयारी हो गई है।

मूल निवास और भू-कानून आंदोलन को मिलेगी रफ्तार

प्रदेश में पिछले काफी समय से मूल निवास और भू-कानून को लेकर मांग उठती रही है। जिसका परिणाम 23 दिसबंर में हुए रैली को मिला अपार जनसमर्थन है। इस रैली के बाद ये तो साफ हो गया है कि हर उत्तराखंडी मूल निवास और भू-कानून की मांग कर रहा है।

रैली को मिले समर्थन के बाद अब इस आंदोलन की रफ्तार देने की तैयारी हो रही है। संघर्ष समिति से जुड़े युवा त्तराखंड मूल निवास स्वाभिमान महारैली को मिले समर्थन के बाद काफी उत्तसाहित हैं।

हर जिले और ब्लॉक में बनेगी संघर्ष समितियां

संघर्ष समिति से जुड़े लोगों का कहना है कि प्रदेशभर में इस आंदोलन को गति देने के लिए प्रदेश के हर जिले और ब्लॉक में संघर्ष समितियां गठित की जाएगी। इसके साथ ही उनका कहना है कि सरकार इन मांगों पूरा करने के लिए अध्यादेश लाए। इसके लिए सरकार को 15 दिन का समय दिया गया है। अगर जल्द ही उनकी मांगें नहीं मानी जाती हैं तो इस से बड़ा कदम उठाने की सरकार को चेतावनी दी गई है।

ये हैं समिति की प्रमुख मांगे

संघर्ष समिति की दो प्रमुख मांगे हैं। जिसमें से पहली मांग तो मूल निवास कानून लागू करने और मूल निवास की कट ऑफ डेट 26 जनवरी 1950 घोषित करने की है। जबकि दूसरी मांग सशक्त भू-कानून लागू करने और शहरी क्षेत्र में 250 मीटर भूमि खरीदने की सीमा लागू करने के साथ ही ग्रामीण क्षेत्रों में भूमि बिक्री पर पूरी तरह प्रतिबंध लगाने की है।

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योगिता बिष्ट उत्तराखंड की युवा पत्रकार हैं और राजनीतिक और सामाजिक हलचलों पर पैनी नजर रखती हैंं। योगिता को डिजिटल मीडिया में कंटेंट क्रिएशन का खासा अनुभव है।