Char Dham Yatra : बद्रीनाथ आ रहे हैं तो इन जगहों पर भी जरूर जाएं, कम बजट में होगी अनोखी यात्रा - Khabar Uttarakhand - Latest Uttarakhand News In Hindi, उत्तराखंड समाचार

बद्रीनाथ आ रहे हैं तो इन जगहों पर भी जरूर जाएं, कम बजट में होगी अनोखी यात्रा

Yogita Bisht
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चमोली में घूमने की जगहें

अगर आप चमोली आ रहे हैं तो आपको एक बार इन खास मंदिरों के दर्शन जरुर करने चाहिए। चमोली के सबसे प्रसिद्ध मंदिर श्री बद्रीनाथ धाम जो कि चार धामों में से एक है यहां तो हर कोई आना चाहता है। कहा जाता है इस धाम को भगवान विष्णु ने भेष बदलकर शिव से मांग लिया था। मान्यता है कि जो व्यक्ति बद्रीनाथ के दर्शन कर लेता है उसे माता के गर्भ में दोबारा नहीं आना पड़ता। लेकिन बद्रीनाथ के साथ ही आप चमोली में कई और मंदिरों के दर्शन कर सकते हैं और कुछ इस तरह आप कम बजट में अनोखी और रोचक यात्रा का आनंद ले सकते हैं।

यहां शिशु बन कर रहे थे त्रिदेव (Anusuya Devi Temple)

चमोली में घने वृक्षों के बीच माता अनुसूया का विशाल धाम स्थित है। आपको बता दें ये वहीं माता अनुसूया हैं जिन्होंने त्रिदेवों को शिशु बना के कई दिनों तक अपने पास रखा था। मान्यता है जो कोई नि:संतान यहां आकर संतान की कामना करता है तो माता अनुसूया उनकी झोली खुशियों से भर देती हैं।यहां आप दर्शन करने के साथ ही पहाड़ों की सुंदरता का आंनद उठा सकते हैं।

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अनुसूया देवी मंदिर —-

अनुसूया देवी मंदिर पहुंचने के लिए सबसे पहले आपको चमोली पहुंचना होगा। यहां पहुंचने के लिए नजदीकी हवाई अड्डा जौलीग्रांट हवाई अड्डा है। जबकि नजदीकी रेलवे स्टेशन देहरादून है। यहां से बस या टैक्सी से आप चमोली पहुंच सकते हैं। अनुसूया देवी मंदिर गोपेश्वर से 19 किमी और चमोली से 29 किमी की दूरी पर स्थित है। मंदिर तक पहुंचने के लिए आपको पहले मंडल पहुंचना होगा। यहां से छह किमी की पैदल यात्रा कर आप माता अनुसूया के धाम पहुंच सकते हैं।

बधाणगढ़ी मंदिर (Badhangadhi Temple)


चमोली में बधाणगढ़ी मंदिर है जो कि बेहद ही खास है। ये मंदिर इसलिए खास है क्योंकि यहां भगवान शिव और मां काली मां एक साथ विराजमान हैं। आपको बता दें कि भगवान शिव और मां काली के मंदिर को बधाण कहा जाता है। इसी कारण इस मंदिर का नाम बधाणगढ़ी पड़ा। पौराणिक मान्यताओं के मुताबिक यहां पर मां भगवती दक्षिणेश्वर काली के रुप में विराजमान है। माना जाता है मां काली सभी भक्तों की मुरादें पूरी करती हैं।

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बधाणगढ़ी मंदिर——-

बधाणगढ़ी मंदिर चमोली की थराली तहसील में स्थित है। यहां से सबसे नजदीकी शहर शहर ग्वालदम है। यहां से बधाणगढ़ी मंदिर से 8 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। ये मंदिर लगभग 2260 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है। इस समंदिर से नजदीकी एयरपोर्ट पंतनगर हवाई अड्डा है। जबकि रेलवे स्टेशन काठगोदाम रेलवे स्टेशन है।

गोपीनाथ मंदिर (Gopinath Temple)

अगर आप चमोली आते हैं तो आपको इस मंदिर में जरूर जाना चाहिए। ये मंदिर उत्तराखंड का दूसरा सबसे ऊंचा मंदिर है। चमोली के गोपेश्वर में स्थित है गोपीनाथ मंदिर जो भगवान शिव को समर्पित है इस मंदिर में परशुराम और भैरव की भी पूजा होती है।

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गोपीनाथ मंदिर ——-

आपको ये जानकर हैरानी होगी की इस मंदिर के प्रांगण में एक त्रिशूल मौजूद है जिसे तर्जनी उंगली से छुए जाने पर वो कंपन करने लगता है यही वो मंदिर है जहां शीतकाल में भगवान रुद्रनाथ की उत्सव मूर्ति विराजित होती है आपको बता दें की ये मंदिर उत्तराखंड का दूसरा सबसे ऊंचा मंदिर भी है। बता दें कि ये जगह बदरीनाथ धाम और केदारनाथ धाम की पैदल मार्ग का केंद्र बिंदु है।

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योगिता बिष्ट उत्तराखंड की युवा पत्रकार हैं और राजनीतिक और सामाजिक हलचलों पर पैनी नजर रखती हैंं। योगिता को डिजिटल मीडिया में कंटेंट क्रिएशन का खासा अनुभव है।