उत्तराखंड में मानसून ने तबाही मचाई हुई है. इस बार मानूसन ने जुलाई के पहले हफ्ते में ही अपना कहर बरपा दिया है. बीते एक हफ्ते में उत्तराखंड में तीन गुना अधिक बारिश हुई है. मौसम वैज्ञानिकों ने प्रदेश के कई जिलों के लिए बारिश का अलर्ट जारी किया है.
IMD ने इन जिलों के लिए जारी किया अलर्ट
मौसम विभाग के निदेशक विक्रम सिंह के अनुसार बुधवार को देहरादून, टिहरी, पौड़ी, नैनीताल, अल्मोड़ा, पिथौरागढ़, चम्पावत, बागेश्वर और उधम सिंह नगर जिले में कुछ स्थानों पर भारी बारिश के एक से दो दौर हो सकते हैं. इसके साथ ही पहाड़ों में मौसम विभाग ने भूस्खलन की आशंका को देखते हुए पहाड़ों में सफर न करने की सलाह दी है.
बारिश के बाद विकराल रुप दिखा रही नदियां
वहीं बीते मंगलवार को उधमसिंह नगर के किच्छा में गौला नदी के किनारे खेत में बकरी चुगाने गई 15 साल की किशोरी पैर फिसलने से गौला नदी के तेज बहाव में बह गई. किशोरी के परिजनों ने बताया कि किशोरी गौला नदी के किनारे खेत में बकरी चुगाने के लिए गई हुई थी. इसी दौरान उसका पैर फिसल गया.
बिंदाल नदी में बही किशोरी का शव बरामद
वहीं सूचना के बाद मौके पर पहुंची पुलिस फोर्स रेस्क्यू ऑपरेशन चलाये हुए है. लेकिन किशोरी का अभी तक कोई सुराग नहीं मिला है. इससे दो दिन पहले देहरादून में भी एक किशोरी बारिश में नहाने के दौरान पैर फिसलने से बिंदाल नदी में बह गई थी. किशोरी का शव 24 घंटे बाद आठ किमी दूर दुधली से बरामद किया गया था.
जोशीमठ-बदरीनाथ हाईवे बंद
उधर मानसून की बारिश के बाद से पहाड़ दरकने के सिलसिला जारी है. बुधवार को बद्रीनाथ राष्ट्रीय राजमार्ग पर पातालगंगा टनल के पास भारी भूस्खलन हो गया . गनीमत ये रही की भूस्खलन के दौरान मार्ग पर कोई आवाजाही नहीं कर रहा था. लैंडस्लाइड होने से जोशीमठ-बदरीनाथ हाईवे NH-7 बंद है.
बाढ़ प्रभावितों को बचाने के प्रयास में दो युवकों की मौत
उधमसिंह नगर में बारिश केहर बनकर बरसी है. बीते दिनों पहले हुई मूसलाधार बारिश से खटीमा और सितारगंज में ग्रामीण और शहरी इलाके बाढ़ में डूब गए गए हैं. जिसके कारण रेस्क्यू टीम को सड़कों पर नाव उतरनी पड़ी. बता दें खटीमा में बाढ़ प्रभावितों को बचाने के प्रयास में दो युवकों की मौत हो गई.