Big News : तंग गलियों का उपद्रवियों ने उठाया फायदा, पढ़ें हल्द्वानी में बवाल की इनसाइड स्टोरी - Khabar Uttarakhand - Latest Uttarakhand News In Hindi, उत्तराखंड समाचार

तंग गलियों का उपद्रवियों ने उठाया फायदा, पढ़ें हल्द्वानी में बवाल की इनसाइड स्टोरी

Yogita Bisht
3 Min Read
हल्द्वानी हिंसा (1)

हल्द्वानी में हिंसा के बाद से पूरे प्रदेश में अलर्ट जारी कर दिया गया है। अतिक्रमण हटाने को लेकर से शुरू हुए इस बवाल ने भयावह रूप ले लिया। जिसमें तीन लोगों की मौत की पुष्टि हुई है। जबकि सैकड़ों पुलिसकर्मी और लोग घायल हैं। इस घटना के सामने आने के बाद जब प्रत्यक्षदर्शियों और मौके पर मौजूद पुलिसकर्मियों से बात की गई तो पता चला कि उपद्रवियों ने तंग गलियों का फायदा उठाकर पुलिस और नगर निगम की टीम पर हमला किया।

तंग गलियों के चक्रव्यूह में फंसी टीम

हल्द्वानी के बनभूलपुरा में पुलिस और नगर निगम की टीम ने अतिक्रमण हटाने के लिए तैयारी तो की लेकिन तंग गलियों के बारे में सोचना शायद भूल गई और यही भूल टीम पर भारी पड़ गई। पुलिस की टीम तंग गलियों के चक्रव्यूह में फंस गई और बुरी तरह से पुलिसकर्मी घायल हो गए।

पुलिस ने इस बात का तो सोचा की इलाका संवेदनशील है इसलिए ज्यादा पुलिसफोर्स को मौके पर भेजा गया। लेकिन इसका ध्यान ही नहीं रखा कि जहां पर अतिक्रमण हटाने के लिए टीम जा रही है वो चारों चरफ से गलियों से घिरा हुआ है और यहां पर तीन हजार से ज्यादा मकान है। पुलिस को इसी भूल का खामियाजा भुगतना पड़ा।

पत्थरबाजी के साथ ही आगजनी की गई

पुलिस ने जैसे ही अतिक्रमण को धवस्त करने की कार्रवाई शुरू की तो लोग आक्रोशित हो गए। पुलिस-प्रशासन टीम पर सामने से उपद्रवियों के पथराव करते ही छतों से पत्थरों की बारिश होने लगी। जब पुलिस ने जोर-जबरदस्ती से काम करवाने की कोशिश की तो उपद्रवी इतने उग्र हो गए की उन्होंने आगजनी शुरू कर दी। वीडियो देख ऐसा लग रहा है कि जैसे उपद्रवी जान लेने के लिए आतुर थे।

घटनास्थल पर जाने का एक ही था रास्ता

सबसे बड़ी बात जिसने इस हिंसा को बढ़ाने में योगदान दिया वो थी घटनास्थल तक जाने के लिए एक ही रास्ता है और वो भी सिर्फ 10 फुट का। वापस जाने के लिए और कोई मार्ग नहीं था। सिर्फ छोटी-छोटी गलियां ही हैं। जब टीम पर पत्थरबाजी हुई तो टीम को वापस जाने का रास्ता नहीं मिल पाया। किस गली से कब पत्थर आ रहा था, किसी को अंदाजा ही नहीं लग रहा था। यही वजह रही कि बड़ी संख्या में पुलिस कर्मी और निगम कर्मी घायल हुए। 

बनभूलपुरा की तंग गलियों में पुलिस जितना उपद्रवियों को खदेड़ने के लिए अंदर घुस रही थी उतना ही उनके जाल में फंस रही थी। घरों की छतों से पुलिसकर्मियों पर लगातार पत्थरबाजी हो रही थी। बड़ी मुश्किल से पत्रकारों, पुलिस कर्मियों और नगर निगम के कर्मचारियों ने अपनी जान बचाई।

Share This Article
Follow:
योगिता बिष्ट उत्तराखंड की युवा पत्रकार हैं और राजनीतिक और सामाजिक हलचलों पर पैनी नजर रखती हैंं। योगिता को डिजिटल मीडिया में कंटेंट क्रिएशन का खासा अनुभव है।