Big News : नहीं रूकी पलायन की रफ्तार, 10 सालों में 17 लाख लोगों ने छोड़ दिए गांव, वीरान हो रहे पहाड़ - Khabar Uttarakhand - Latest Uttarakhand News In Hindi, उत्तराखंड समाचार

नहीं रूकी पलायन की रफ्तार, 10 सालों में 17 लाख लोगों ने छोड़ दिए गांव, वीरान हो रहे पहाड़

Yogita Bisht
3 Min Read
उत्तराखंड में पलायन

उत्तराखंड में तेजी से गांव खाली हो रहे है। मकान टूट रहे हैं और खेत बंजर हो रहे हैं। सरकार की लाख कोशिकों के बाद भी उत्तराखंड से पलायन कम होने का नाम नहीं ले रहा है। आलम ये है कि अब गांवों के गांव खाली हो रहे हैं। लोग अपने पैतृक गांवों को छोड़कर जा रहे हैं। लेकिन आपको जानकर हैरानी होगी कि बीते दस सालों में 17 लाख लोगों ने अपने गांव छोड़ दिए।

10 सालों में 17 लाख लोगों ने छोड़ दिए गांव

उत्तराखंड में पलायन कोई नई समस्या नहीं है। राज्य के गठन के वक्त से ये समस्या थी और आज भी इसकी रफ्तार कम होने का नाम नहीं ले रही है। बेरोजगारी, नौकरी की तलाश और सुविधाओं का आभाव पलायन का मुख्य कारण हैं। लेकिन पलायन इस हद तक बढ़ गया है कि सैकड़ों गांव घोस्ट विलेज बन गए हैं।

हाल ही नें आर्थिक सर्वेक्षण की रिपोर्ट प्रस्तुत की गई। इस रिपोर्ट के मुताबिक प्रदेश में बीते दस साल में करीब 17 लाख लोग गांव को छोड़कर जा चुके हैं और ये लोग शहरों में जाकर बस गए हैं। इस पलायन के कारण शहरों में आबादी का दबाव बढ़ रहा है।

शहरों में बढ़ा भारी दबाव

आर्थिक सर्वेक्षण की रिपोर्ट के मुताबिक अधिक आबादी के प्रवाह की वजह से शहरों में अवस्थापना विकास से लेकर सुविधाओं पर दबाव बढ़ा है। जिसे देखते हुए अब सरकार शहरों में अवस्थापना विकास के लिए एक नई योजना बनाने जा रही है। डेवलपमेंट ऑफ स्मार्ट अरबन क्लस्टर प्रोजेक्ट यानी यूएसयूसीपी तैयार किया जा रहा है।

बता दें कि इस प्रोजेक्ट के तहत शहरों में बस रही नई आबादी के लिए बुनियादी सुविधाओं के विकास पर फोकस किया जाएगा इसके साथ ही रिपोर्ट में बताया गया है कि तेजी से बढ़ रही आबादी के कारण प्रदेश के शहरी स्थानीय निकाय, नगर निगम और नगर पालिका आदि की संख्या भी तेजी से बड़ रही है।

कस्बों और जिला मुख्यालयों में ज्यादा हुआ पलायन

आर्थिक सर्वेक्षण में पलायन निवारण आयोग की रिपोर्ट के हवाले से कहा गया है कि कस्बों और जिला मुख्यालयों में ज्यादा पलायन हुआ है। इसके साथ ही रिपोर्ट में कहा गया है कि प्रदेश में ग्रामीण क्षेत्रों से सबसे ज्यादा पलायन नजदीकी कस्बों में हो रहा है। इसके बाद लोग सबसे ज्यादा लोग पलायन कर अपना गांव छोड़कर जिला मुख्यालयों में आ रहे हैं।

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योगिता बिष्ट उत्तराखंड की युवा पत्रकार हैं और राजनीतिक और सामाजिक हलचलों पर पैनी नजर रखती हैंं। योगिता को डिजिटल मीडिया में कंटेंट क्रिएशन का खासा अनुभव है।