दक्षिण कोरिया में राष्ट्रपति यून सुक-योल ने मार्शल लॉ (Martial Law) लगाने के फैसले को वापस ले लिया है। दरअसल, मंगलवार को राष्ट्रपति ने मार्शल लॉ लगाने का फैसला किया था। जिसके बाद सड़कों पर विरोध प्रदर्शन हुआ और डेमोक्रेटिक पार्टी ने संसद में इस मार्शल लॉ के खिलाफ एक बिल पारित कर दिया। विरोध के बीच राष्ट्रपति यून-सुक-योल ने मार्शल लॉ का आदेश हटा लिया है।
Martial Law को औपचारिक रुप से हटाया
मंगलवार रात राष्ट्रपति यून ने अचानक मार्शल लॉ लागू कर दिया हालांकि, राष्ट्रपति द्वारा लागू मार्शल लॉ केवल कुछ घंटो तक ही प्रभावी रहा क्योंकि नेशनल असेंबली ने राष्ट्रपति के फैसले को खारिज करने के पक्ष में मतदान किया। कैबिनेट की बैठक के दौरान सुबह साढ़े चार बजे के आसपास मार्शल लॉ को औपचारिक रुप से हटा दिया गया।
राष्ट्रपति दे इस्तीफा
वहीं विपक्षी डेमोक्रेटिक पार्टी 300 सीट वाली संसद में बहुमत रखती है। पार्टी ने बुधवार को कहा कि उसके सांसदों ने यून से तत्काल पद छोड़ने को कहा है अन्यथा वे उनके खिलाफ महाभियोग चलाने के लिए कदम उठाएंगे। डेमोक्रेटिक पार्टी ने कहा कि राष्ट्रपति यून सुक येओल की मार्शल लॉ की घोषणा संविधान का स्पष्ट उलंल्घन है। इसे घोषित करने के लिए किसी भी आवश्यक नियम का पालन नहीं किया गया।
क्या होता है Martial Law?
मार्शल लॉ एक अस्थायी आपातकालीन स्थिति है, जिसे किसी सरकार द्वारा देश में किसी तत्कालीन खतरे या सुरक्षा संकट के जवाब में लागू किया जाता है। जब मार्शल लॉ लागू होता है, तो सेना का प्रशासन सामान्य नागरिक कामों का नियंत्रण संभालता है। साथ ही राज्य की सुरक्षा की जिम्मेदारी भी सेना के हाथों में चली जाती है। इसके तहत नागरिक स्वतंत्रताओं पर प्रतिबंध, कर्फ्यू और कानून व्यवस्था के लिए सैन्य बलों की तैनाती की जाती है।