Uttarakhand : प्रदेशभर में बारिश ने मचाई तबाही, सड़क धसने से खतरे की जद में आए कई परिवार - Khabar Uttarakhand - Latest Uttarakhand News In Hindi, उत्तराखंड समाचार

प्रदेशभर में बारिश ने मचाई तबाही, सड़क धसने से खतरे की जद में आए कई परिवार

Sakshi Chhamalwan
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प्रदेशभर में बारिश ने तबाही मचाई हुई है। भारी बारिश के चलते नदी- नाले भी उफान पर है। भूस्खलन से कई परिवारों के बेघर होने की खबरे सामने आई है। लोगों पर बारिश इस कदर आफत बनकर टूट रही है कि उन्हें अपने आशियाने को छोड़कर अन्यत्र शरण लेने को मजबूर होना पड़ रहा है। बता दें बेघर परिवारों को अस्थायी राहत शिविरों में रात गुजारनी पड़ रही है।

बेघर हुए कई परिवार

पिछले पांच दिनों से लगातार हो रही बारिश ने कहर बरपा रखा है। भारी बारिश के चलते प्रतापनगर विधानसभा के अंतर्गत ग्राम पंचायत भेलुन्ता देवल मोटर मार्ग के पास सड़क धसने से पांच हरिजन परिवार इसकी जद में आ गए हैं। जिला प्रशासन ने सुरक्षा के मद्देनजर सभी परिवारों को प्राथमिक विद्यालय में शिफ्ट किया है।

समस्याओं को गंभीरता से नहीं ले रहा प्रशासन

पीड़ितों का कहना है कि प्रशासन को इसके बाए में जानकारी दी है। हर मानसून में यहां पर ये स्थिति बनी रहती है बावजूद इसके प्रशासन उनकी समस्याओं को गंभीरता से नहीं ले रहा है। जिसका खामियाजा आज उन्हें इस तरह भुकतना पड़ रहा है। ग्रामीणों ने बताया कि तेज बारिश के चलते सड़क धंस गई है। जिससे छह परिवारों के मकान खतरे की जद में आ गए हैं।

कई सालों से झेल रहे भूस्खलन का दंश

ग्रामीणों का कहना हैं कि वह पिछले कई सालों से भूस्खलन का दंश झेल रहे हैं। पिछले कई साल पहले वहां पर भूस्खलन होने के कारण शासन प्रशासन ने भूगर्भीय टीम को भेजकर गांव का निरीक्षण करवाया था। हरिजन बस्ती छेरदानू का स्थल निरीक्षण करवाकर लोगों की समस्या का समाधान करने की बात कही गई। जिसमें 26 लोगों को विस्थापन भी किया गया हैं।

पीड़ित परिवार लगा रहे छत की गुहार

ग्रामीणों के अनुसार कुछ परिवारों को आज भी विस्थापित नहीं किया गया है। फिलहाल इन परिवारों को लेकर विस्थापित करने की प्रक्रिया चल ही रही है। पीड़ित परिवार प्रशासन से एक स्थाई छत की मांग कर रहे हैं। पीड़ितों ने प्रशासन पर आरोप लगाते हुए कहा कि उन्हें प्रशासन की ओर से केवल चार-चार लाख रुपए देकर उसी जगह पर मकान बनाने के लिए कहा गया।

जिसके कारण उनके द्वारा बनाए गए मकान आज फिर भूस्खलन की जद में हैं। पीड़ित परिवार अब खुद को ठगा महसूस कर रहे हैं। अब सवाल यही उठता है कि आखिर कब शासन प्रशासन इस ओर नजरे इनायत करेगी। आखिर कब तक पीड़ित परिवारों को शरणार्थी बने रहना पड़ेगा।

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Sakshi Chhamalwan उत्तराखंड में डिजिटल मीडिया से जुड़ीं युवा पत्रकार हैं। साक्षी टीवी मीडिया का भी अनुभव रखती हैं। मौजूदा वक्त में साक्षी खबरउत्तराखंड.कॉम के साथ जुड़ी हैं। साक्षी उत्तराखंड की राजनीतिक हलचल के साथ साथ, देश, दुनिया, और धर्म जैसी बीट पर काम करती हैं।