Big News : हिमालय क्षेत्र में आ सकता है बड़ा भूकंप, वॉर्निंग सिस्टम ने उड़ाए वैज्ञानिकों के होश - Khabar Uttarakhand - Latest Uttarakhand News In Hindi, उत्तराखंड समाचार

हिमालय क्षेत्र में आ सकता है बड़ा भूकंप, वॉर्निंग सिस्टम ने उड़ाए वैज्ञानिकों के होश

Yogita Bisht
3 Min Read
अर्ली वॉर्निंग सिस्टम

देश की प्रसिद्ध आइआईटी रुड़की के हेड प्रोफेसर एम एल शर्मा ने दावा किया है कि हिमालय क्षेत्र मे जल्दी ही आने वाले भूकंप से बड़ी जनहानी हो सकती है। भूकंप से होने वाली जनाहानी को कैसे रोका जा सकता है और या कैसे बचा जा सकता है उसका हल भी आई आई टी रुड़की ने ढूंढ निकाला है।

आईआईटी रुड़की ने किया भूकंप वार्निंग सिस्टम का अविष्कार

आईआईटी रुड़की के वैज्ञानिको ने भूकंप वार्निंग सिस्टम का अविष्कार किया है। जिससे ये पता लगाया जा सकता है कि भूकंप कब और कितनी तीव्रता का आने वाला है। भूकंप आने से पहले ही वॉर्निंग सिस्टम अपने अलार्म के द्वारा हम सबको चेता सकता है ताकि सब लोग पहले से सतर्क हो जाए। मकानों और बिल्डिंगो को छोड़ कर खाली मैदान तक पहुंच सके।

हिमालय क्षेत्र मे आ सकता है बड़ा भूकंप

इसके साथ ही उन्होंने बताया कि उत्तराखंड मे प्राइमरी और सेकेण्डरी स्कूलों की बिल्डिंगे जर्जर हालत में है। जिनमें ये सिस्टम लगाना बहुत जरुरी है। ऐसे मे 7 से 8 घंटे पढ़ने वाले छात्र-छात्राएं आने वाले भूकंप की वजह से जनहानि का शिकार हो सकते हैं। उससे पहले हमें हिमालय क्षेत्र मे लगे अर्ली वार्निंग सिस्टम ने बड़ी तबाही मचाने वाले भूकंप से हमें आगाह किया है। जिसके बाद हमारे बड़े वैज्ञानिको ने हमें सतर्क रहने और ऐसे सिस्टम तैयार करने की सलाह दी है। जिससे पहले से ही हम लोग आगाह हो सके वहीं हमारे द्वारा ऐसे सिस्टम का अविष्कार किया गया है। जिस की मदद से हमे आने वाले बड़े भूकंप से सतर्क करेगा।

समय से पहले लगा देने चाहिए वॉर्निंग सिस्टम

एम एल शर्मा ने कहा कि उत्तराखंड मे स्कूल कॉलेजों और अस्पतालों में भी ये वॉर्निंग सिस्टम समय से पहले लगा देने चाहिए। ताकि कुछ हद तक जनहानि को रोका जा सके। उन्होंने ये भी जिक्र किया है कि नदी और नालों के बगल मे बनी बिल्डिंगो और मकानों को भारी नुकसान हो सकता है।

वहीं एम एल शर्मा ने दावा किया है कि हिमालय क्षेत्र मे 8 से 9 तीव्रता वाला तेज भूकंप आ सकता है। उससे पहले ये वॉर्निंग सिस्टम भी तैयार किए जा रहे हैं। जिन्हें सरकार की अनुमति के बाद हॉस्पिटल और अलग-अलग जरूरी बिल्डिंग मे लगाने की तैयारी की जाएगी। ताकि भूकंप से होने वाले नुकसान से बचा जा सके। उन्होंने कहा कि समय रहते ये सिस्टम लगा देना चाहिए।

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योगिता बिष्ट उत्तराखंड की युवा पत्रकार हैं और राजनीतिक और सामाजिक हलचलों पर पैनी नजर रखती हैंं। योगिता को डिजिटल मीडिया में कंटेंट क्रिएशन का खासा अनुभव है।