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Mahashivratri: भारत में इन जगहों पर है भोलेनाथ के 12 ज्योतिर्लिंग, जानिए इनकी विशेषताएं

Renu Upreti
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Mahashivratri
Mahashivratri

इस साल 8 मार्च को Mahashivratri का पर्व मनाया जा रहा है। इस दिन भोलेनाथ की विशेष पूजा की जाती है। सुबह से ही लोग मंदिरों में लंबी-लंबी कतारें लगाकर भोलेनाथ के दर्शन करते हैं। तमाम लोग इस मौके पर ज्योतिर्लिंग के दर्शन करने के लिए भी जाते हैं। शिव जी के 12 ज्योतिर्लिंग हैं जो देश के तमाम हिस्सों में है। पुराणों में कहा गया है कि जब तक महादेव के इन 12 ज्योतिर्लिंग के दर्शन नहीं कर लेते, आपका आध्यात्मिक जीवन पूर्ण नहीं हो सकता। मान्यता है कि जिन 12 जगहों पर ज्योतिर्लिंग हैं, वहां भोलेनाथ ने खुद दर्शन दिए थे, जब जाकर वहां ये ज्योतिर्लिंग उत्पन्न हुए। अगर आप शिवभक्त हैं और इन ज्योतिर्लिंग के दर्शन करना चाहते हैं तो आइये महाशिवरात्रि पर हम आपको बताने जा रहे हैं भारत के 12 ज्योतिर्लिंग के बारे में।

1.सोमनाथ

सोमनाथ को पहला ज्योतिर्लिंग माना जाता है। सोमनाथ ज्योतिर्लिंग गुजरात के सौराष्ट्र में समुद्र किनारे स्थित है। माना जाता है कि यहां चंद्रदेव ने शिव जी को प्रसन्न करने के लिए तप किया था। चंद्रदेव को सोमदेव भी कहा जाता है, इसलिए इस मंदिर को सोमनाथ के नाम से जाना जाता है।


Somnath
Somnath

2.मल्लिकार्जुन

दूसरा ज्योतिर्लिंग मल्लिकार्जुन है जो आंध्र प्रदेश के कृष्णा नदी के किनारे श्रीशैल पर्वत पर स्थित है। यहां देवी पार्वती के साथ शिवजी विराजित हैं।

12 Jyotirlinga
Mallikarjuna

3.महाकालेश्वर

महाकालेश्वर को तीसरा ज्योतिर्लिंग माना जाता है। ये मध्यप्रदेश के उज्जैन में है। ये एकमात्र ज्योतिर्लिंग है जहां दक्षिणमुखी ज्योतिर्लिंग की उपासना की जाती है। मान्यता है कि इस स्थान पर भगवान महाकाल के दर्शन करने से सभी प्रकार के भय, रोग एवं दोष से मुक्ति मिलती है।

12 Jyotirlinga
Mahakaleshwar

4.ओंकारेश्वर

चौथा ज्योतिर्लिंग ओंकारेश्वर है। ये इंदौर से करीब 80 किमी दूर नर्मदा नदी के किनारे एक ऊंची पहाड़ी पर स्थित है। ऊंचाई से देखने पर इस स्थान का आकार ओंम का दिखाई देता है। इसलिए इसे ओंकापेश्वर कहा जाता है।

12 Jyotirlinga
Omkareshwar

5.केदारनाथ

पांचवा ज्योतिर्लिंग केदारनाथ है। हिमालय की गोद में बसे केदारनाथ मंदिर का हिंदू धर्म में विशेष महत्व है। इसका निर्माण आठवीं या नौंवी सदी में गुरु शंकराचार्य ने करवाया था। ये उत्तराखंड के चार धामों में से एक है। मान्यता है कि महाभारत काल में भगवान शिव ने पांडवों को इसी स्थान पर बैल रुप में दर्शन दिया था।

12 Jyotirlinga
Kedarnath

6.भीमाशंकर

महाराष्ट्र के पुणे जिले में सहाद्रि पर्वत पर भीमाशंकर ज्योतिर्लिंग स्थित है। इसे छठवां ज्योतिर्लिगं कहते हैं। कुछ लोग भीमाशंकर को मोटेश्वर महादेव के नाम से भी पुकारते हैं। मान्यता है कि इसी स्थान पर भगवान शिव ने भीम नामक दैत्य का वध किया था।

12 Jyotirlinga
Bhimashankar

7.काशी विश्वनाथ

ज्योतिर्लिंगों में सातवां काशी विश्वनाथ है। ये उत्तर प्रदेश के वाराणसी में स्थित है। यहां भगवान शिव के साथ माता पार्वती भी विराजमान है। कहा जाता है कि यहां भगवान शिव के दर्शन के लिए स्वर्ग लोक से देवी देवता स्वंय पृथ्वी लोक पर आते हैं। माना जाता है कि जिस व्यक्ति की यहां मृत्यु होती है उसे निश्चित रुप से मोक्ष की प्राप्ति होती है।

12 Jyotirlinga
Kashi Vishwanath

8.त्रयम्बकेश्वर

आठवां ज्योतिर्लिंग त्रयम्बकेश्वर है जो महाराष्ट्र के नासिक में है। यहां शिवलिंग में ब्रहा, विष्णु और महेश तीनों की पूजा होती है। त्रयम्बकेश्वर का मंदिर ब्रहागिरी पर्वत पर स्थित है। इसी पर्वत से गोदावरी नदी शुरु होती है। कहा जाता है कि इसी स्थान पर गौतम ऋषि ने भगवान शिव को प्रसन्न करने के लिए कठोर तपस्या की थी।

12 Jyotirlinga
Trimbakeshwar

9.वैद्यनाथ

नौंवा ज्योतिर्लिंग झारखंड के देवघर जिले में है। इस मंदिर की काफी मान्यता है। माना जाता है कि ये ज्योतिर्लिंग रावण ने स्थापित किया था। रावण भगवान शिव का परम भक्त था। वो हिमालय में शिवजी का कठोर तप कर रहा था। तब शिवजी ने उसे दर्शन दिए। दर्शन के बाद रावण से शिव जी से वर मांगा कि वो उन्‍हें अपने साथ लंका ले जाना चाहता है। शिवजी ने उसे वर दे दिया लेकिन शर्त रखी कि अगर वो लंका के मार्ग में कहीं भी बीच में इस शिवलिंग को जमीन में रखेगा, तो ये वहीं स्‍थापित हो जाएगी। लंका ले जाते समय रावण ने भूलवश शिवलिंग को इस स्‍थान पर रख दिया और ये वहीं पर स्‍थापित हो गया। इस स्थान पर पूजा-पाठ करने से भक्तों के सभी कष्ट दूर हो जाते हैं। श्रावण मास में लाखों की संख्या में कांवड़िए जल चढ़ाने आते हैं।

12 Jyotirlinga
vaidyanath

10.नागेश्वर

गुजरात के द्वारका में स्थित नागेश्वर ज्योतिर्लिंग दसवां ज्योतिर्लिंग है। इसका जिक्र शिवपुराण में भी मिलता है। बता दें कि शिव पुराण में नागेश्वर ज्योतिर्लिंग को दारूकावन क्षेत्र में ही वर्णित किया गया है।

12 Jyotirlinga
Nageshwar

11.रामेश्वरम

11वां ज्योतिर्लिंग तमिलनाडु के रामनाथपुरम में है। इसे रामेश्वरम ज्योतिर्लिंग कहा जाता है। मान्यता ह कि त्रेतायुग में भगवान श्रीराम ने समुद्र के तट पर बालू से इस शिवलिंग का निर्माण किया था। बाद में वो शिविलिंग वज्र के समान मजबूत हो गया। श्रीराम द्वारा स्थापित होने के कारण इस शिवलिंग को रामेश्वरम कहा जाता है। ये देश के प्रमुख 4 धामों में शामिल है।

12 Jyotirlinga
Rameshwaram

12.घृष्णेश्वर

12वां और आखिरी ज्योतिर्लिंग घृष्णेश्वर है। ये महाराष्ट्र के वेरूल नामक गांव में स्थित है। शिव पुराण में भी भगवान शिव के इस अंतिम ज्योतिर्लिंग का उल्लेख मिलता है। यहां भगवान शिव के दर्शन और पूजा-पाठ करने से सभी मनोकामनाएं पूर्ण हो जाती है।

12 Jyotirlinga
grishneshwar
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